ओडिशा : मेरा जन्म ही हिन्दी की सेवा के लिए हुआ है।इसलिए जब तक सांस है हिन्दी की सेवा करता रहूंगा। बुधवार को ये बातें केंद्रीय विश्वविद्यालय ओडिशा के विजिटिंग प्रोफेसर डॉ जेबी पांडेय ने कहीं। वे अपने 68वें जन्मदिन कार्यक्रम में बोल रहे थे। उड़ीसा केंद्रीय विश्वविद्यालय, कोरापुट में उनका 68 वां जन्म दिन सादे ढंग से मनाया गया तथा उनके स्वस्थ और दीर्घायु जीवन की कामना की गई।विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ चक्रधर त्रिपाठी ने डॉ जेबी पांडेय की सक्रिय लंबी आयु की कामना की और कहा कि विजिटिंग प्रोफेसर के रुप में उनके योगदान से विश्वविद्यालय सबल और गौरवान्वित हुआ है।उन्होंने पुष्प गुच्छ और गीता की प्रति भेटकर डॉ पांडेय का अभिनंदन किया।इस अवसर पर विभाग के सभी प्राध्यापक डॉ संजीत कुमार दास, डॉ मयूरी मिश्रा, डॉ सौम्य रंजन दास, डॉ रानी सिंह, डॉ ढूलमणि तालुकदार, प्रदीप सांमत राय, डॉ बीएन प्रधान (पुस्तकालयाध्यक्ष), डॉ वीरेन्द्र कुमार सांरगी, डॉ विनय त्रिपाठी, डॉ विनीता त्रिपाठी आदि मौजूद रहे और अपनी शुभकामनाएं दी। डॉ पांडेय ने सबके प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह भारत की भारती हिंदी का सम्मान है।मै हिंदी का एक सेवक हूं और जीवन पर्यंत हिंदी की सेवा करता रहूंगा।