डॉक्टरों ने चेताया—सुबह-शाम टहलने से बचें
गुरुग्राम में वायु प्रदूषण लगातार गंभीर स्तर पर बना हुआ है। गुरुवार सुबह शहर का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) 325 रिकॉर्ड किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में शामिल है। प्रदूषण की इस स्थिति ने शहरवासियों की चिंता बढ़ा दी है, खासतौर पर उन लोगों की जो सुबह की सैर या आउटडोर वर्कआउट को अपनी दिनचर्या का हिस्सा मानते हैं। तेज धुंध और स्मॉग के कारण सुबह के वक्त दृश्यता भी कम रही, जिससे सड़क हादसों का खतरा बढ़ गया।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेताया है कि ऐसे हालात में बाहर अधिक समय बिताना लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। गुलाबी ठंड के बीच हवा में PM2.5 और PM10 कणों की मात्रा में बड़ी बढ़ोतरी हुई है, जो सांस, गले और आंखों पर बुरा असर डालते हैं। डॉक्टरों ने खासकर बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अस्थमा, सीओपीडी तथा हार्ट के मरीजों को घर से बाहर कम निकलने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि सुबह और शाम के समय प्रदूषण का स्तर चरम पर रहता है, इसलिए टहलने या दौड़ने जैसी गतिविधियों से बचना चाहिए।
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि हवा की यह खराब स्थिति शहर में प्रदूषण नियंत्रण उपायों की कमी और प्रशासन के ढीले रवैये को दर्शाती है। निर्माण कार्यों में धूल नियंत्रण के इंतजाम अक्सर नदारद रहते हैं। कई क्षेत्रों में कूड़ा जलाने और वाहन उत्सर्जन पर पर्याप्त निगरानी नहीं दिखाई दे रही। उद्योग क्षेत्रों से निकलने वाला धुआं भी प्रदूषण के स्तर को प्रभावित कर रहा है।
शहरवासियों ने भी प्रदूषण पर नाराजगी जताते हुए प्रशासन से कड़े कदम उठाने की मांग की है। लोगों ने सुझाव दिया कि निर्माण स्थलों पर नियमित मॉनिटरिंग, सार्वजनिक परिवहन में सुधार और औद्योगिक धुएं पर नियंत्रण जैसे उपायों को मजबूती से लागू किया जाए।
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