सुरक्षा व्यवस्था की जांच
गुरुग्राम के साइबर थाना में सोमवार को एक अनोखी घटना सामने आई जब पुलिस महानिदेशक (DGP) ओपी सिंह खुद फरियादी बनकर पहुंचे। उनका मकसद था पुलिसकर्मियों की सतर्कता और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेना।
सूत्रों के अनुसार, DGP ने किसी को सूचना दिए बिना थाना पहुंचे और गेट पर तैनात सिपाही से संपर्क किया। आश्चर्यजनक रूप से, सिपाही ने DGP को नहीं पहचाना और उन्हें सीधे थाने के अंदर ऑफिसर के पास भेज दिया। यह स्थिति अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एक चेतावनी के रूप में देखी जा रही है कि सुरक्षा और सतर्कता में कभी भी ढील नहीं बरती जानी चाहिए।
DGP ने बताया कि यह जांच केवल सतर्कता का हिस्सा थी, किसी पर व्यक्तिगत आरोप लगाने के लिए नहीं। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध और शिकायतों के तेजी से निपटारे के लिए पुलिसकर्मियों का सतर्क रहना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने थाने में मौजूद स्टाफ से बातचीत की और उन्हें निर्देश दिए कि हर व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित की जाए और गेट पर सुरक्षा मानक कड़े से कड़े बनाए जाएं।
अधिकारियों ने बताया कि DGP ने इस दौरान फरियादी की तरह व्यवहार करते हुए पुलिसकर्मियों के रूटीन का भी जायजा लिया। उन्होंने देखा कि शिकायतें कितनी तेज़ी से दर्ज और निपटाई जा रही हैं। अधिकारियों ने कहा कि इस तरह की जांच से स्टाफ में जागरूकता बढ़ती है और आम जनता के लिए पुलिस सेवा और भी पारदर्शी और भरोसेमंद बनती है।
पुलिस विभाग ने इस घटना को सकारात्मक पहल के रूप में पेश किया और कहा कि भविष्य में भी इस तरह की सरप्राइज विज़िट्स से कर्मचारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।
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