रांची : शाश्वत इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर्स एजुकेशन, रांची के तत्वावधान में रविवार को त्रिदिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन का श्रीगणेश सरस्वती वंदना से हुआ। संगोष्ठी का विषय था राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की भूमिका। संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि डॉ एके सज्जन ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 मोदी सरकार की शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सकारात्मक कदम है।36 वर्षों के बाद यह शिक्षा नीति आई है। इसमें नैतिकता के साथ गुणवत्तापूर्ण और रोजगार परक शिक्षा पर विशेष बल है। इसमें प्रारंभिक शिक्षा मातृभाषा में दी जायेगी। वहीं, विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ आर के शर्मा ने कहा कि पहली बार इस शिक्षा नीति में भारतीयता की झलक मिलती है। शिक्षक राष्ट्र निर्माता हैं और उनकी गोद में निर्माण और प्रलय दोनों पलते हैं। संगोष्ठी में डॉ कुमारी मनीषा, डॉ वासुदेव प्रसाद , डॉ अजीत सिंह, डॉ विनोद कुमार राय, डॉ अनिता कुमार शर्मा, अनुपम शशांक, स्नेह रंजन, डॉ आनंद , लक्ष्मण प्रसाद नागेंद्र आदि ने अपने सारगर्भित वक्तव्यों से संगोष्ठी को ऊंचाई प्रदान की। विदेश से जुड़े डा नीलू गुप्ता,(यूएसए), डॉ कंचना झा नेपाल, डा मिक्की लगता मिक्की, अमित झा और अर्चना पांडेय फिनलैंड, डॉ विवेक मणि त्रिपाठी ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संगोष्ठी के अध्यक्ष डॉ एमके सिंहा ने कहा कि शिज्ञक ज्ञान मूर्ति हैं, उन्हें चरित्रवान होना चाहिए और उनके बिना राष्ट्र के विकास की संकल्पना नहीं की जा सकती है। कार्यक्रम में आये अतिथियों का स्वागत डॉ जेबी पांडेय ने, संचालन डॉ कमल कुमार बोस ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ अंजलि कुमारी ने किया।दूसरे सत्र में राष्ट्रीय कवि गोष्ठी का आयोजन हुआ जिनमें डा विनय कुमार पांडेय , डॉ अंजेश शर्मा, डॉ मनीषा, डॉ संध्या चौधरी, डॉ ओम प्रकाश, डॉ वासुदेव प्रसाद, डॉ गौतम सिंह, अशोक कुमार प्रमाणिक, लक्ष्मण प्रसाद तथा डॉ कमल कुमार बोस ने अपनी कविताओं से श्रोताओं को खूब हंसाया और गुदगुदाया। कार्यक्रम में डीएवी के प्राचार्य एम के सिन्हा और शाश्वत बीएड कालेज के अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा को थावे विद्यापीठ की विद्या वाचस्पति (पीएचडी) की मानद उपाधि विद्यापीठ के प्रतिकुलपति डॉ जेबी पांडेय ने दी।