लंदन : बकिंघम पैलेस ने भारत के दावे वाले औपनिवेशिक काल के कोहिनूर हीरे से जुड़े विवाद को लेकर संभवत: सावधानी बरतते हुए इसे अगले महीने महाराजा चार्ल्स तृतीय और महारानी कैमिला के राज्याभिषेक समारोह का हिस्सा नहीं बनाने का निर्णय लिया है। ब्रिटिश राजपरिवार परिवार से जुड़े मामलों के एक विशेषज्ञ ने यह जानकारी दी। छह मई को होने वाले राज्याभिषेक समारोह के लिए बकिंघम पैलेस द्वारा निकाले गये शाही गहनों से यह पुष्टि होती है कि महारानी कैमिला ने महारानी मैरी के मुकुट को चुना है। इस महीने की शुरुआत में पैलेस ने कहा था कि महारानी मैरी के मुकुट में मामूली बदलाव किये जा रहे हैं, जैसे कि कलिनन-3, 4 और 5 हीरे को शामिल करना, जो कई वर्षों तक महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निजी गहनों के संग्रह का हिस्सा रहे हैं। डिजाइन महारानी एलेक्जेंड्रा के 1902 के मुकुट से प्रेरित है, जिसे मूल रूप से कोहिनूर के साथ जड़ा गया था, जो महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मां महारानी एलिजाबेथ के मुकुट में 1937 से जड़ा हुआ है। पिछले महीने, ब्रिटेन के महलों का प्रबंधन करने वाली धर्मार्थ संस्था ‘हिस्टोरिक रॉयल पैलेसेज’ (एचआरपी) ने कहा था कि कोहिनूर हीरे को मई में ‘टावर ऑफ लंदन’ में आयोजित सार्वजनिक प्रदर्शनी में ‘विजय के प्रतीक’ के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा। प्रदर्शनी में कोहिनूर के इतिहास को भी प्रदर्शित किया जाएगा।