दिल्ली में बढ़ता धूल संकट: निरीक्षण में मिले 35 गंभीर प्रदूषण वाले स्थल

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सड़क की धूल बनी दिल्ली की सबसे बड़ी प्रदूषण वजह

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार चिंताजनक बना हुआ है और ताज़ा निरीक्षण में यह बात स्पष्ट हुई है कि राजधानी की हवा को सबसे अधिक जहरीला बनाने में सड़क की धूल प्रमुख कारण बन रही है। पर्यावरण विभाग और संबंधित एजेंसियों द्वारा किए गए सर्वे में शहरभर में 35 हाई-डस्ट स्पॉट चिन्हित किए गए हैं, जहाँ धूल का स्तर सामान्य से कई गुना अधिक पाया गया।

इन स्थानों में प्रमुख रूप से निर्माणाधीन सड़कें, खोदाई वाले क्षेत्र, टूटी सड़कें, ट्रैफिक जंक्शन, फ्लाईओवर निर्माण स्थल और अनियमित कचरा-ढुलाई वाले इलाके शामिल हैं। अधिकारियों के अनुसार सड़क पर जमा महीन धूल हवा में लगातार उड़कर AQI को खतरनाक स्तर तक बढ़ा रही है। इस धूल में PM10 और PM2.5 कण बड़ी मात्रा में मौजूद पाए गए, जो सीधे फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने में सक्षम हैं।

निरीक्षण रिपोर्ट में बताया गया कि कई जगहों पर सड़क सफाई, पानी का छिड़काव और कवरिंग जैसी बेसिक व्यवस्थाएँ नहीं थीं। निर्माण गतिविधियों की सुरक्षा के मानकों का पालन भी काफी कमजोर पाया गया, जिसके चलते हवा में उड़ने वाले कणों की मात्रा तेजी से बढ़ रही है।

सरकारी एजेंसियों ने इन हाई-डस्ट स्पॉट्स पर तुरंत सुधारात्मक कदम उठाने का निर्देश दिया है। इसके तहत पानी का नियमित छिड़काव, सड़कों की मैकेनिकल सफाई, निर्माण सामग्री को ढककर रखना, वेस्ट ट्रांसपोर्टेशन में नियमों का पालन और धूल-रोधी अवरोधक लगाने की योजना बनाई गई है।

पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि यदि सड़क धूल पर प्रभावी नियंत्रण नहीं किया गया, तो दिल्ली की हवा आगे और खराब हो सकती है। उन्होंने चेतावनी दी कि सर्दियों में हवा धीमी होने के कारण यह धूल लंबे समय तक हवा में रहती है, जिससे सांस संबंधी समस्याएँ बढ़ने की आशंका रहती है।

राजधानी के कई इलाकों में AQI पहले ही ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच चुका है, जिसके चलते प्रशासन और नागरिकों के लिए चिंता बढ़ गई है।

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