कोलकाता. पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक भर्ती घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापों के 24 घंटे बाद शनिवार पूर्वाह्न पूर्व शिक्षा मंत्री और ममता कैबिनेट में उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता को गिरफ्तार कर लिया. ED के छापे में अर्पिता के घर से 20 करोड़ रुपये की नकदी, 20 मोबाइल फोन, सोना सहित विदेशी मुद्रा बरामद हुई है. 24 घंटे से अधिक समय से दोनों के घरों में सघन तलाशी चल रही थी.
- शिक्षक भर्ती घोटाले में बड़ी कार्रवाई, अर्पिता के घर से बरामद हुई है 20 करोड़ रुपये की नकदी
ED की टीम दो सरकारी गवाहों के सामने गिरफ्तारी संबंधी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करवाने के बाद पार्थ को निजाम पैलेस स्थित सीबीआई के क्षेत्रीय मुख्यालय निजाम पैलेस ले गई. पार्थ चटर्जी को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खासमखास माना जाता है. 1998 में तृणमूल की स्थापना के समय से ही वह उनके साथ हैं. वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कैबिनेट में हर बार मंत्री बनाए गए हैं. फिलहाल वह उद्योग मंत्री होने के साथ संसदीय कार्य मंत्री भी हैं.
नाकतला स्थित पार्थ चटर्जी के घर शुक्रवार सुबह सीबीआई के सात-आठ अधिकारी भी गए थे. उनसे दिनभर पूछताछ हुई. इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई. कहा जा रहा है कि शुक्रवार रात तक पार्थ के घर से कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं. शुक्रवार रात करीब आठ बजे टालीगंज के एक और आवासीय परिसर के फ्लैट में पार्थ की करीबी अर्पिता चटर्जी के घर से ED ने 20 करोड़ रुपये की नकदी, 20 मोबाइल फोन, सोना और विदेशी मुद्रा आदि बरामद किया. पार्थ चटर्जी के घर शुक्रवार देररात ED के एक और अधिकारी पहुंचे.यहां पर केंद्रीय बलों के अलावा, नेताजी नगर थाने के जवानों को तैनात किया गया. ED ने पार्थ और अर्पिता के आवास के अलावा शिक्षा राज्यमंत्री परेश चंद्र अधिकारी और एसएससी सलाहकार समिति के सदस्यों और तथाकथित बिचौलिए चंदन मंडल घर भी छापा मारा है.
इस घोटाले में आरोप है कि शिक्षक नियुक्ति के लिए पैनल की मियाद खत्म हो जाने के बावजूद गैरकानूनी तरीके से सलाहकार समिति बनाई गई. अवैध तरीके से रिक्त पदों का सृजन किया गया. इन पदों पर ऐसे लोगों को शिक्षक नियुक्त किया गया जिन्होंने या तो परीक्षा नहीं दी या पास भी नहीं हुए.