नयी दिल्ली। भारत और अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय यात्राएं करने की आतंकवादियों की क्षमता को बाधित करने की दिशा में कदमों पर चर्चा की। दोनों ने सभी देशों से तत्काल ऐसे अपरिवर्तनीय कदम उठाने को कहा जिससे यह सुनिश्चित हो कि उनकी धरती का उपयोग आतंकवादी हमलों के लिये न हो। विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों पक्षों ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी संगठनों से उत्पन्न खतरों पर विचारों का आदान-प्रदान किया और अल-कायदा, आईएसआईएस/दाएश, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अल बदर जैसे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जरूरत पर बल दिया। विदेश मंत्रालय ने भारत-अमेरिका आतंकवाद रोधी संयुक्त कार्य समूह की 19वीं बैठक और भारत-अमेरिका डेजिग्नेशंस डायलॉग के पांचवें सत्र के बाद यह बयान जारी किया है। यह दोनों कार्यक्रम दिल्ली में 12-13 दिसंबर को हुए। परोक्ष रूप से पाकिस्तान के संदर्भ में विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष आतंकवादी प्रॉक्सी का उपयोग करने, सीमा पार से आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के सभी स्वरूपों की कटु निंदा करते हैं। उन्होंने 26/11 मुंबई और पठानकोट हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं को न्याय की जद में लाने की बात कही।