नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल में झारखंड के तीन विधायकों से लाखों रुपये मिलने के मामले में कोलकत्ता पुलिस की सीआईडी टीम बुधवार को दिल्ली पहुंची. यहां पहुंचकर सीआईडी टीम ने दिल्ली पुलिस को लेकर कथित तौर पर जांच प्रभावित करने के गंभीर आरोप लगाये हैं.
पश्चिम बंगाल पुलिस ने झारखंड कांग्रेस के तीन विधायकों के पास से 49 लाख रुपए कैश एवं कार बरामद की थी. इसके बाद तीनों विधायकों को गिरफ्तार कर लिया गया था. इसी मामले को लेकर पश्चिम बंगाल पुलिस की सीआईडी टीम गिरफ्तार विधायकों से जुड़ी एक संपत्ति पर छापेमारी करने दिल्ली पहुंची थी. आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने उन्हें रोका. यह मामला बुधवार को संसद में भी गूंजा और पार्टी सांसदों ने अपना विरोध दर्ज कराते हुए लोकसभा से बाहिर्गमन किया गया.
पश्चिम बंगाल की सीआईडी टीम ने बुधवार सुबह 10.49 मिनट पर एक ट्वीट कर आरोप लगाया थाना पंचला केस संख्या 276/22 की जांच के क्रम में उनकी एक टीम राजधानी दिल्ली पहुंची थी. यह टीम कोर्ट द्वारा जारी सर्च वारंट को निष्पादित करने के लिए दिल्ली गई थी. वह कोर्ट के निर्देश पर काम कर रही थी, जिसे काम करने से रोक दिया गया. उन्होंने ट्वीट कर मामले में दिल्ली पुलिस कमिश्नर से हस्तक्षेप की मांग की. वहीं पुलिस सूत्रों की माने तो सीआईडी टीम को काम से नहीं रोका गया. उनकी टीम मौके पर गई थी.
पश्चिम बंगाल की टीम दिल्ली एक आरोपित से संबंधित सर्च ऑपरेशन करने आई थी. आरोपित के लोकेशन पर सुबह करीब 6 बजे पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया गया, लेकिन दिल्ली पुलिस को जब यह पता चला कि कानून के मुताबिक इस सीआरपीसी के तहत सर्च ऑपरेशन नहीं किया जा सकता है. इस दस्तावेज में दिल्ली पुलिस के संबंधित थाना के अलावा वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को सूचित किया गया. इसके बाद मौके पर पहुंची दिल्ली पुलिस की टीम द्वारा जब ये पूछा गया कि इस केस का जांच अधिकारी (आईओ) कौन है तो यह बोला गया कि वो नही आए हैं. कानून के मुताबिक आईओ को सर्च ऑपरेशन के वक्त मौके पर होना चाहिए था.
वहीं, सर्च ऑपरेशन के लिए पश्चिम बंगाल से दिल्ली पहुंचे इंस्पेक्टर अरिजीत भट्टाचार्य का कहना है कि आईओ ने उन्हे ऑथराइज्ड किया था. तब हम वहां से सर्च वारंट के साथ दिल्ली के लिए निकले थे. इंस्पेक्टर ने कहा कि स्थानीय पुलिस के पास आए तो यहां एक महिला पुलिस भी दी गई. फिर जब हम आनंद निकेतन स्थित सिद्धार्थ मजूमदार के घर पहुंचे तो फिर स्थानीय पुलिस के पास कोई फोन आया कि वापस बुलाया है. हम वापस थाने आ गए, अभी इंतजार कर रहे हैं. जो भी कानून के मुताबिक आदेश होगा,वह करेंगे.