Thursday, September 21, 2023

Latest Posts

संसद को कानून बनाने का हक, तो हमें उसकी समीक्षा का : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यदि संसद को कानून बनाने का हक है तो हमें उसकी समीक्षा का हक है. जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षतावाली पीठ ने गुरूवार को कॉलेजियम मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि संसद को कानून बनाने का अधिकार है तो सुप्रीम कोर्ट को भी कानून की समीक्षा का हक है. पीठ ने कहा कि उच्च संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों की ओर से कॉलेजियम सिस्टम की आलोचना किया जाना गलत है. कुछ लोगों के विरोध करने से कॉलेजियम सिस्टम खत्म नहीं होगा. जस्टिस कौल ने कहा कि समाज में ऐसे वर्ग हैं जो संसद की ओर से बनाये गये कानूनों से सहमत नहीं हैं तो क्या कोर्ट को इस आधार पर ऐसे कानूनों को रद्द कर देना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट, अदालतों में जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम के तरफ से भेजे गए नामों को मंजूर करने में केंद्र की तरफ से कथित देरी से जुड़े मामले की सुनवाई कर रहा था. जस्टिस एसके कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम पर सरकार के लोगों की ओर से की जाने वाली टिप्पणियों को उचित नहीं मानता.उन्होंने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी को इस बारे में सरकार को राय देने को कहा. गौरतलब है कि कॉलेजियम प्रणाली सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के बीच गतिरोध का विषय रही है और जजों की तरफ से ही जजों की नियुक्ति की प्रणाली की अलग-अलग वर्ग आलोचना करते रहे हैं.केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने 25 नवंबर को कहा था कि कॉलेजियम प्रणाली संविधान के प्रति ‘सर्वथा अपरिचित’ शब्दावली है. बेंच में जस्टिस एएस ओका और जस्टिस विक्रम नाथ भी शामिल थे. बेंच ने कहा कि वह अटॉर्नी जनरल से अपेक्षा रखते हैं कि सरकार को राय देंगे, ताकि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से निर्धारित कानूनी सिद्धांतों का अनुपालन हो. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कॉलेजियम ने जिन 19 नामों की सिफारिश की थी, उन्हें सरकार ने हाल में वापस भेज दिया. बेंच ने कहा कि यह पिंग-पांग का खेल कैसे खत्म होगा?

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Posts

spot_imgspot_img

Don't Miss

Stay in touch

To be updated with all the latest news, offers and special announcements.