Thursday, December 7, 2023

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हमारी परंपरा और विरासत की पहचान का पर्व है गणतंत्र दिवस : डॉ चक्रधर त्रिपाठी

कोरापुट : उड़ीसा केन्द्रीय विश्वविद्यालय कोरापुट के परिसर में 74 वां गणतंत्र दिवस गुरूवार को बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर झंडोतोलन करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ चक्रधर त्रिपाठी ने कहा कि 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ और भारत गणतंत्र घोषित हुआ। न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुत्व की जिन भावनाओं से भारतीय संविधान जुड़ा हुआ है, उन सबके विकासात्मक संकेत गणतंत्रात्मक देशों में मिलते हैं।गणतंत्र दिवस एक राष्ट्रीय पर्व है और यह हमारी परंपरा और विरासत की पहचान है।समय आ गया है कि हम अपने देश की अखंडता, संप्रभुता और एकता का सम्यक् ध्यान रखते हुए अपने गणतंत्र का विकास करें।उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि देश के विकास के लिए उन्हें तन मन और धन से हमेशा तैयार रहना चाहिए।इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिसर में कई कार्यक्रम हुए।ऐकेडमिक ब्लॉक में संस्कृत और अन्य विभागों के तत्वावधान मे वैदिक रीति से  सरस्वती-पूजा का अनुष्ठान हुआ। डॉ एन.सी पंड़ा, डॉ पतंजलि मिश्र, डॉ मणि कुमार झा के नेतृत्व में डॉ वीरेंद्र कुमार सांरगी ने पूजा-पाठ कराया।इस अवसर पर डॉ जेबी पांडेय, डा हेमराज मीणा, डॉ रानी सिंह, डॉ सौम्य रंजन दास, डॉ अप्पा साहब, डॉ मयूरी मिश्रा और डॉ हिमांशु शेखर महापात्र की उपस्थिति विशेष रूप से रही।कुलपति डॉ चक्रधर त्रिपाठी ने विद्यार्थियों को विभाग जाकर आशीर्वाद दिया। वहीं, विश्वविद्यालय के सेना निवृत ओएसडी सुधाकर रंजन पट्टनायक का सम्मान भी विश्वविद्यालय के सम्मेलन कक्ष में किया गया।जिसकी अध्यक्षता कुलपति ने की।सभी शिक्षकों ने उनके द्वारा की गई सेवाओं की भूरि-भूरि प्रशंसा की। सुधाकर पट्टनायक के सम्मान में विश्वविद्यालय  की ओर से उन्हें प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किये गये।डॉ जे बी पाण्डेय ने उन्हें सुंदर कांड की प्रति भेंट की। अपराह्न में विश्वविद्यालय परिसर के खेल मैदान में कन्या पूजन और वृक्षारोपण का कार्यक्रम हुआ।श्रीलंका से आए बौद्ध संन्यासी डा पांइया वाडिंगल गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि थे।उन्होंने शांति वृक्ष (पीपल) का और कुलपति ने ज्ञान वृक्ष (वर) का रोपन किया।वाराणसी से आये हुए आचार्य डॉ पतंजलि मिश्र ने कन्या पूजन का अनुष्ठान कराया।इस पुनीत कार्य में डॉ मणि कुमार झा, डॉ एनसी पंडा और डॉ वीरेन्द्र कुमार सारंगी ने सहयोग किया।इन सारे अनुष्ठानों में डॉ काकली बनर्जी, डॉ संजीत कुमार दास, डॉ नूपुर पट्टनायक, बीएन प्रधान,  डॉ सौरभ गुप्ता, प्रदीप कुमार नायक और प्रदीप सामंत राय ने अहम भूमिका निभाई। संचालन डॉ रानी सिंह (हिंदी)और सृष्टि रानी (अंग्रेजी) ने किया।राष्ट्र गान से कार्यक्रम का समापन हुआ।

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