नयी दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि पहले निजी रॉकेट ‘विक्रम-एस’ के सफल परीक्षण ने भारत में निजी अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक नए युग की शुरुआत की है। उन्होंने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निजी क्षेत्र के योगदान की सराहना भी की। आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 95 वीं कड़ी में अपने विचार साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी साल 18 नवंबर को पूरे देश ने अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नया इतिहास बनते देखा। प्रधानमंत्री ने इस उपलब्धि को देश में आत्मविश्वास से भरे एक नए युग का आरंभ भी बताया और कहा कि आप कल्पना कर सकते हैं जो बच्चे कभी हाथ से कागज का हवाई जहाज बनाकर उड़ाया करते थे, उन्हें अब भारत में ही हवाई जहाज बनाने का मौका मिल रहा है. जो बच्चे कभी चांद-तारों को देखकर आसमान में आकृतियां बनाया करते थे, उन्हें अब भारत में ही रॉकेट बनाने का मौका मिल रहा है. उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष को निजी क्षेत्र के लिए खोले जाने के बाद युवाओं के ये सपने भी साकार हो रहे हैं.