दिल्ली : सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के निर्माण पर पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों की बैठक बेनतीजा रहने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जल राज्यों के बीच सहयोग और समन्वय का विषय होना चाहिए। राज्यों के जल मंत्रियों के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि शहरीकरण की तेज गति को देखते हुए पहले से ही इसके लिए योजना तैयार करनी चाहिए। जल संरक्षण अभियानों में लोगों की भागीदारी पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि अकेले सरकार के प्रयासों से सफलता नहीं मिल सकती। उन्होंने राज्यों से जल संरक्षण अभियानों में जनता, सामाजिक संगठनों और सिविल सोसायटी को ज्यादा से ज्यादा शामिल करने का आह्वान किया। जल शक्ति मंत्रालय द्वारा ‘वॉटर विज़न@2047’ विषय पर यह दो दिवसीय सम्मेलन भोपाल में आयोजित किया गया है। केंद्र सरकार की अटल भूजल संरक्षण योजना का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक संवेदनशील अभियान है और इसे उतनी ही संवेदनशीलता से आगे बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भूजल प्रबंधन के लिए बनाए गए प्राधिकरण सख्ती से इस दिशा में काम करें, यह भी जरूरी है। भूजल रिचार्ज के लिए सभी जिलों में बड़े पैमाने पर वाटर-शेड का काम होना जरूरी है। और मनरेगा में सबसे अधिक काम पानी के लिए किया जाए।