हरियाणा के वरिष्ठ IPS अधिकारी वाय. पूरन कुमार की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मृत्यु के मामले में उनके परिवार ने पोस्टमॉर्टम और अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया है। उनकी पत्नी, वरिष्ठ IAS अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने स्पष्ट किया है कि जब तक उनके पति की आत्महत्या के मामले में न्याय नहीं मिलता, तब तक कोई भी अंतिम संस्कार या पोस्टमॉर्टम नहीं किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया है कि पुलिस ने बिना परिवार की अनुमति के उनके पति का शव PGIMER में भेजा, जो उनके लिए अपमानजनक था। अमनीत ने कहा, “मेरे पति दलित समुदाय से थे और उन्हें सम्मानपूर्वक नहीं रखा गया।”
इस मामले में हरियाणा सरकार ने रोटक के एसपी नरेंद्र बिजारनिया को स्थानांतरित कर दिया है, जो मृतक अधिकारी के सुसाइड नोट में आरोपित थे। इसके अलावा, हरियाणा पुलिस ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है, जो मामले की निष्पक्ष जांच करेगा।
कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी अमनीत को पत्र लिखकर इस घटना को “चौंकाने वाला” बताया और प्रशासन में सामाजिक न्याय के प्रति भेदभाव की ओर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने मामले में पारदर्शिता और निष्पक्षता की आवश्यकता जताई है।