रांची : महगठबंधन सरकार ने तीन साल में जनादेश के साथ बड़ा छल किया है। यही नहीं सरकार ने नौजवानों के भविष्य तथा झारखंडी अस्मिता और पहचान के साथ खिलवाड़ किया है। मंगलवार को ये बातें आजसू के केंद्रीय मुख्य प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत ने कहीं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने नियोजन नीति के नाम पर अपना पॉलिटिकल एजेंडा सेट करने की कोशिश में सब कुछ उलझा कर रख दिया है। श्री भगत ने कहा कि चुनाव से पहले 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति, नियोजन नीति और आरक्षण की बात करने वाली सरकार अब 1932 का नाम सुनते ही बौखला जाती है। झारखंडी युवाओं पर चलायी गई लाठियां उनकी राज्य विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी हर विधानसभा सत्र में अलग-अलग बयान देते रहते हैं। यह सरकार जातीय जनगणना से भी भाग रही है, जबकि आरक्षण के लिए यही आधार है।
महाधिवेशन से पहले एक लाख सक्रिय कार्यकर्ता खड़े होंगे
उन्होंने कहा कि अक्टूबर में होने वाले महाधिवेशन से पहले एक लाख सक्रिय कार्यकर्ता खड़े किए जायेंगे, जो सांगठनिक और चुनावी मोर्चा पर पार्टी के लिए रीढ़ साबित होंगे। पार्टी का महाधिवेशन 6 से 8 अक्टूबर तक रांची में होगा। इसके साथ ही संगठन के ढांचे को दुरुस्त करने के लिए जो काम बाकी है उसे टाइम फ्रेम के तहत पूरे करने को कहा गया है। सात सूत्री मांगों को लेकर आजसू पार्टी मुखर होकर आंदोलन करते आई है और आगे भी यह संघर्ष और उलगुलान जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि हमारे सात सूत्री मांगों में खतियान आधारित स्थानीय एवं नियोजन नीति, जातीय जनगणना एवं पिछड़ों को आबादी अनुसार आरक्षण, पूर्व में जो जातियां अनुसूचित जनजाति की सूची में थे, उन्हें पुनः अनुसूचित जनजाति में शामिल करना, सरना धर्म कोड, बेरोजगारों को रोज़गार, झारखंड के संसाधनों की लूट बंद करना तथा झारखंड आंदोलनकारियों को सम्मान देना मुख्य रूप से शामिल है।