रांची : रुयूमेटोलॉजिस्ट और डिवाइन सुपर स्पेशियिलटी अस्पताल के डायरेक्टर डॉ देवनीश खेस्स् रविवार को कोलकाता में आयोजित लुपस मीट में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में उनके साथ सीएमसी वेल्लोर के प्रोफेसर सतीश कुमार, प्रोफेसर जॉन मैथ्यू, पीजीआई चंडीगढ़ के प्रोफेसर अमन शर्मा तथा कई अन्य डॉक्टरों ने हिस्सा लिया। लुपस मीट के बाबत डॉ देवनीश खेस्स ने बताया कि लुपस एक ऑटो इम्यून बीमारी है जो सूजन और कई तरह की समस्याओं का कारण बनती है। लुपस चार प्रकार की होती है जिसमें सबसे कॉमन सिस्टमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस (SLE) ल्यूपस का सबसे आम प्रकार है। सबसे ज्यादा लोग सिस्टमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस से ही प्रभावित होते हैं। लुपस का यह प्रकार एक प्रणालीगत स्थिति है। इसका मतलब है कि यह पूरे शरीर में कई अंगों और प्रणालियों को प्रभावित कर सकता है। इस कारण से, सिस्टमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस ल्यूपस का अधिक गंभीर रूप हो जाता है। लुपस के इस प्रकार के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं। वहीं दूसरा त्वचीय लुपस और तीसरा नियो नेटल लुपस और चौथा ड्रग प्रेरित लुपस है। मीट में लुपस रोग से जुड़े विभिन्न तरह के केस पर चर्चा हुई।