दयानंद राय
रांची। राज्य के हर महत्वपूर्ण विषय पर सरकार राज्य को गुमराह कर रही। राज्य को सही दिशा मिले, इसके लिए बुद्धिजीवियों को आगे आना होगा। दखल देनी होगी। रविवार को ये बातें आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहीं। वे आजसू पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित अखिल झारखंड बुद्धिजीवी मंच के प्रतिनिधि सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। सुदेश ने कहा कि अलग राज्य गठन में भी इस तबके का योगदान रहा है। सत्ताधारी दल कुर्सी बचाने की खातिर तरह-तरह के राजनीतिक हथकंडे अपना रहा है। राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए हर वर्ग को गुमराह कर रहा है। यही वजह है कि रोजगार, नियोजन नीति जैसे अति महत्वपूर्ण विषय आज हाशिए पर हैं। आरक्षण को लेकर सरकार की मंशा स्पष्ट नहीं है। सरकार की नीतियां और निर्णय उलझाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृतिकर्मी, साहित्यकार, लेखक, कवि, शिक्षाविद और झारखंड आंदोलनकारी अपने ही राज्य में गुमनामी की जिंदगी जीने को मजबूर हैं। इन चुनौतीपूर्ण और विपरीत परिस्थितियों में बुद्धिजीवियों की भूमिका और बड़ी हो जाती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान, भूत और भविष्य की बेहतरीन समझ रखने वाले तथा झारखंडी इतिहास और राजनीति का लंबा अनुभव समेटे हुए बुद्धिजीवियों को सरकार के कार्यों, नीतियों तथा क्रिया-कलापों पर नजर बनाए रखने की जरूरत है। बुद्धिजीवियों की जिम्मेदारी सामान्य लोगों की जिम्मेदारियों से कहीं बड़ी है। वर्तमान और भविष्य के चिंतन-मंथन तथा समाज को सही दिशा प्रदान करने में उनकी भागीदारी काफी अहम है। बुद्धिजीवियों को सजग और जागरुक नागरिक के साथ-साथ सशक्त प्रतिपक्ष की भी भूमिका निभानी होगी, यही समय की मांग है।
वैचारिक क्रांति का सबसे बड़ा मंच
श्री महतो ने कहा कि संगठनात्मक संरचना के साथ आजसू बुद्धिजीवी मंच पूरे राज्य में वैचारिक क्रांति का सबसे बड़ा मंच है। बुद्धिजीवियों के मार्गदर्शन में ही राज्य का नवनिर्माण संभव है। झारखंड को सशक्त, शिक्षित एवं संगठित बनाने के लिए हमें एक दूसरे का हाथ पकड़कर, एकजुट होकर आगे बढ़ना होगा। प्रतिनिधि सम्मेलन में अखिल झारखंड बुद्धिजीवी मंच के प्रदेश अध्यक्ष डोमन सिंह मुंडा ने कहा कि सरकार की कथनी और करनी में अंतर है। जनता के मतों का विश्वास लेने के बाद सरकार सदन के अंदर उस संचित विश्वास पर लगातार घात कर रही है। सरकार ने चुनाव से पहले समाज के सभी वर्गों के उत्थान के लिए सैकड़ों वादे किए। लेकिन सभी वादों को एक-एक कर तोड़ा जा रहा है। ये सीधे तौर से विश्वास मत का विश्वासघात है, जनादेश का अपमान है। झारखंड सरोकार से जुड़ी माटी की पार्टी आजसू पार्टी इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। मौके पर बुद्धिजीवी मंच के रांची जिलाध्यक्ष डॉ. मुकुंद चंद्र मेहता ने राज्य के बुद्धिजीवियों से आह्वान करते हुए कहा कि सभी एकजुट होकर जनविषयों के प्रति जनचेतना लाने का कार्य करें।उन्होंने कहा कि बुद्धिजीवी अपनी बौद्धिक ऊर्जा को सकारात्मक दिशा देते हुए, राज्य के नागरिकों को सचेत, सावधान और जागरुक बनाने में लगाए। अखिल झारखंड बुद्धिजीवी मंच के प्रतिनिधि सम्मेलन में डॉ यूसी मेहता, कामेश्वर प्रधान, डॉ मुकुंद चंद्र मेहता, डॉ उषा किरण, शिवशंकर प्रसाद, जितेंद्र सिंह, लंबोदर महतो, हिमांशु महतो, मिथिलेश श्रीवास्तव, कैप्टन महेश लोहरा, गंगाधर महतो, महेंद्र मोदी, कौशिक चांद, मोहम्मद सुहैल, मंजर खान, विजय चंद्र महतो, रामबल्लभ साहू, अरविंद कुमार, वंशराज कुशवाहा, मो शाहबाज, आदित्य महतो तथा आर प्रसाद मुख्य रूप से उपस्थित रहें। कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ विनय भरत ने तथा धन्यवाद ज्ञापन अंचल किगर ने किया।