रांची । मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रविवार को कहा कि अफसरों की जरूरतों और मांगों पर राज्य सरकार मिशन मोड में निर्णय लेगी। झारखंड अकेला ऐसा राज्य है जहां प्रीमियर सेवा अब तक लागू नहीं हुई। सीएम मोरहाबादी के आर्यभट्ट ऑडिटोरियम में झारखंड राज्य प्रशासनिक सेवा की आमसभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्व विकास आयुक्त देवाशीष गुप्ता की अध्यक्षता में बने प्रशासनिक सुधार आयोग ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इसकी अनुशंसाओं को लागू करने के लिए प्रशासनिक कमिटी को दायित्व सौंपा जा रहा है। संघ ने जो मांगें रखी हैं उनपर जल्द निर्णय लिया जायेगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि आइएएस और आइपीएस सेवा के अधिकारी वरीय होते हैं लेकिन उन्हें सहयोगी के रुप में आपका साथ नहीं मिले तो वे एक कदम भी आगे नहीं चल पायेंगे। राज्य की मजबूती के लिए प्रशासनिक व्यवस्था का मजबूत होना जरूरी है।आमसभा में संघ के कार्यकारी अध्यक्ष राम कुमार सिन्हा ने स्थानांतरण नीति बनाने और विचाराधीन रेवेन्यू प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की। इस दौरान संघ के अफसरों ने वरीय अधिकारियों पर अपनी भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि वरीय अधिकारी जब तक डीसी का बड़ा बाबू बनना बंद नहीं करेंगे तब तक कनीय अधिकारियों का भला नहीं होगा। कई अधिकारी ऐसे हैं जिन्हें न तो अच्छी गाड़ी और न ही अच्छा आवास मिला है।आमसभा में अधिकारियों ने सर्वसम्मति से रंजीता हेंब्रम को अध्यक्ष और राहुल कुमार को महासचिव चुना।यह पहली दफा है जब संघ की अध्यक्ष कोई महिला बनी है। जल्द ही संघ की नयी कमिटी का चुनाव किया जायेगा।