रांची । वन संरक्षण नियम 2022 यदि कानून बनता है तो इससे जंगलों पर निर्भर राज्य के आदिवासी-मूलवासी समेत देश के 20 करोड़ लोग सीधे तौर पर प्रभावित होंगे। शनिवार को ये बातें झामुमो के केंद्रीय समिति सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहीं। वे पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में बोल रहे थे। श्री भट्टाचार्य ने कहा कि इस कानून को लागू करने से बेहतर ये होगा कि इन 20 करोड़ लोगों को सरकार इच्छामृत्यु दे। उन्होंने कहा कि वन अधिकार कानून 2006 के तहत जंगल से जुड़ी हर बातों पर ग्राम सभा की अनुमति लेनी पड़ती थी लेकिन नये कानून में ग्राम सभा की अनुमति समेत राज्यों के जंगल पर अधिकार को केवल औपचारिकता बना दिया गया है। उन्होंने नये वन संरक्षण कानून के संभावित प्रभावों की भी विस्तार से जानकारी दी। सुप्रियो ने कहा कि यह मुद्दा केवल झारखंड का ही नहीं है बल्कि जनजातीय बहुलता वाले राज्यों छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और अन्य राज्यों से भी जुड़ा है।इन राज्यों के साथ वन संरक्षण नियम के प्रावधानों पर व्यापक विचार-विमर्श किया जायेगा।