दयानंद राय
रांची : शक्ल से ही चोर दिखनेवाला प्रकाश महाजन और पैसे लेने के बाद खुद को बीमार कहकर चुप्पी साध लेनेवाला केदार रॉय जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होंगे।इनके खिलाफ रांची के बरियातू थाने में एफआइआर के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। वहीं, झारखंड पुलिस का साइबर सेल भी एक्टिव हो चुका है। प्रकाश महाजन ने न्यूजवाणी के प्रधान संपादक दयानंद राय से 64,500 रुपये लिए हैं वहीं केदार रॉय ने 20,000 रुपये। केदार रॉय ने बहुत आग्रह करने के बाद भी पैसे नहीं लौटाये तो उनके खिलाफ भी केस करना पड़ा।प्रकाश महाजन ने खुद को राजस्थान के बाड़मेर का निवासी बताया था वहीं केदार रॉय पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद का रहनेवाला है। प्रकाश महाजन ने प्रकाश चौहान नाम के व्यक्ति के खाते में कई किश्तों में पैसे डलवाये थे और बाद में दो खाली पार्सल भेजे थे।प्रकाश महाजन अपनी पहचान छुपाने के लिए वीडियो कॉल में बात नहीं करता था। लेकिन अब पुलिस ने उसके ठिकाने का पता लगा लिया है। उसे थाने में उल्टा लटका कर पीटा जायेगा। पुलिस महकमे से जुड़े सूत्रों ने बताया कि वह पेशेवर ठग है।वहीं, केदार रॉय ने पांच नवंबर को कार्तिक चंद्र बर्मन के खाते में दो किश्तों में 12,000 रुपये डलवाये थे। बाद में एक और खाते में आठ हजार रुपये डाले गये थे। केदार रॉय ने एक और मुद्रा संग्रहकर्ता धनबाद के अमरेंद्र आनंद से 20,000 रुपये लिए थे। इन दोनों ठगों के बारे में जब और जानकारी जुटायी गयी तो पता चला कि दोनों पेशेवर ठग हैं और भोले-भाले मुद्रा संग्रहकर्ताओं को सस्ती दरों पर पुराने नोटों के बंडल और नोट देने का लालच देते हैं। केदार रॉय लोगों को बि्रटिश इंडिया के पुराने नोट और सोने के सिक्के देने के बहाने उनसे दूसरे के खाते में पैसा डलवाता था।यह खुद को रईस परिवार का बताकर ठगी करता था।
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