रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को कांके के कदमा में रांची कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह अस्पताल राज्य में कैंसर के इलाज में मील का पत्थर साबित होगा। हेमंत ने कहा कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित लोग बड़ी तादाद में यहां से दूसरे राज्यों और महानगरों की ओर जाने को मजबूर होते हैं। सरकार ने भी लोगों को कई माध्यमों से कैंसर के इलाज के लिए बाहर भेजा है। पर अब उन्हें यहां ही बेहतर इलाज मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि आज का दिन झारखंड के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। रांची में टाटा ट्रस्ट की मदद से निर्मित कैंसर अस्पताल और अनुसंधान केंद्र के लिए टाटा समूह के वाइस चेयरमैन नोएल टाटा समेत वे सारे लोग बधाई के पात्र हैं जिन्होंने इस अस्पताल और रिसर्च सेंटर को आकार देने में मदद की है। काफी वर्षों से स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई छोटी-बड़ी चीजे जुड़ती आयी लेकिन जो कैंसर से सम्बंधित स्वास्थ्य सुविधा थी वो झारखंड में न के बराबर थी। सरकार बनने के बाद से ही इस दिशा में कई प्रयास किए गए। अब वे प्रयास रंग लाने लगे हैं। गौरतलब है कि अस्पताल बनाने में 400 करोड़ की लागत आयी है। इस कैंसर अस्पताल के निर्माण कार्य का शिलान्यास वर्ष 2018 में रघुवर सरकार के कार्यकाल में हुआ थ। एक साल पहले यह अस्पताल बनकर तैयार हो चुका है। यहां फिलहाल ओपीडी चलायी जा रही है। अस्पताल में मरीजों से रजिस्ट्रेशन चार्ज के नाम पर 135 रुपये लिए जा रहे हैं। अस्पताल में फिलहाल 82 बेड हैं जिनमें से 50 फीसदी यानि 41 बेड स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित हैं। अस्पताल में 14 ऑपरेशन थिएटर और 28 बेड का आइसीयू भी होगा। इसके अलावा यहां आवासीय परिसर भी बनाया जायेगा। अस्पताल का निर्माण टाटा ट्रस्ट ने किया है। इस अस्पताल की खासियत ये है कि इसमें इलाज के साथ कैंसर पर रिसर्च भी होगा। अस्पताल को मुंबई के टाटा मेमोरियल सेंटर के समान विकसित किया जाना है। कैंसर अस्पताल की आधारशिला वर्ष 2018 में टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा और तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने रखी थी।