रांची : झारखंड में हर साल कैंसर के 35-40 हजार मरीज डिटेक्ट होते हैं और उनमें से पंद्रह हजार का इलाज एचजीसी अब्दुर्र रज्जाक अंसारी कैंसर अस्पताल में होता है। शुक्रवार को ये बातें अस्पताल के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर सैयद अहमद अंसारी ने कहीं। वे होटल रैडिशन ब्लू में आयोजित प्रेसवार्ता में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि झारखंड की जनता को कैंसर के ट्रीटमेंट की विश्वस्तरीय सुविधा मिले इसके लिए हिन्दुस्तान के बेहतरीन डॉक्टरों की टीम लेकर आये हैं। उन्होंने कहा कि एचजीसी अब्दुर्र रज्जाक अंसारी कैंसर अस्पताल कैंसर के मरीज के उपचार के लिए कटिबद्ध है। अस्पताल में कैंसर के पेशेंट के साथ उसके अटेंडेंट को भी खाना दिया जाता है। पिछले सात साल से अस्पताल में पेशेंट के साथ अटेंडेंट को भी खाना दिया जाता है। ऐसा करनेवाला एचजीसी अब्दुर्र रज्जाक अंसारी कैंसर अस्पताल एकमात्र अस्पताल है।डॉक्टरों की टीम ही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है।श्री अंसारी ने कहा कि 1996 से ही उनका अस्पताल कैंसर के मरीजों का इलाज कर रहा है।
पुरुषों में होता है सबसे ज्यादा मुंह का कैंसर
प्रेसवार्ता में अस्पताल के डॉक्टर आफताब आलम अंसारी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि पुरुषों में सबसे अधिक मुंह का कैंसर होता है वहीं महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर और गर्भाशय का कैंसर होता है। श्री अंसारी ने कहा कि झारखंड में हर तीन में से एक व्यक्ति तंबाकू का सेवन करता है यही वजह है कि यहां मुंह के कैंसर के मरीज सबसे ज्यादा पाये जाते हैं।
3623 साल पहले डिटेक्ट हुआ था कैंसर का मरीज
प्रेसवार्ता में अस्पताल के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर माहेर खत्री ने कहा कि कैंसर का पहला पेशेंट 3623 साल पहले मिश्र में डिटेक्ट हुआ था और वह ब्रेस्ट कैंसर का मरीज था।उन्होंने कहा कि अस्पताल में मरीजों को वर्ल्ड क्लास ट्रीटमेंट मिलता है। अस्पताल में सर्जिकल आंकोलॉजिस्ट डॉ अमर प्रेम, डॉ संदीप कुमार, मेडिकल आंकोलॉजिस्ट डॉ चंद्रशेखर प्रसाद, डॉ अभिमन्यु कदापधारी, डॉ सतीश शर्मा, न्यूक्लियर मेडिसीन विशेषज्ञ डॉ नीरु ज्योत्सना और पीडियाट्रिक आंकोलॉजिस्ट डॉ अभिषेक कुमार की टीम कैंसर के मरीजों का उपचार कर रहे हैं।