रांची। अगले महीने महागठबंधन की सरकार अपने कार्यकाल का तीन साल पूरा कर लेगी। लेकिन इन तीन वर्षों में गरीबों, मजदूरों, किसानों और मध्यम वर्ग के लोगों को सिर्फ निराशा हाथ लगी है। सरकार चाहे कितने बड़े समारोह करे, आंकड़ों की बाजीगरी करे, झूठ का तिलिस्म सजाए, पर राज्य जिस पीड़ा और बेचौनी से गुजर रहा है, उसमें इनके वादे, इरादे, समझदारी और काम करने के तौर तरीके बेनकाब हो गए हैं। रविवार को ये बातें आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहीं। वे कल्याण मंडप, बेरमो, करगली गेट में आयोजित अखिल झारखंड श्रमिक संघ के राज्यस्तरीय अधिवेशन में बोल रहे थे। श्री महतो ने कहा कि कोविड वैश्विक महामारी का सबसे बुरा असर श्रमिकों, मजदूरों और कामगारों पर पड़ा। बड़े शहरों में मेहनत करके आजीविका चला रहे लाखों कामगार अपने आप को असहाय समझते हुए कोरोना संकटकाल में पलायन को मजबूर हुए। विभिन्न मंचों के माध्यम से हमने सरकार से यह आंकड़ा सार्वजनिक करने का आग्रह भी किया कि कोविड काल में कितने मजदूर दूसरे शहरों से अपने राज्य लौटें तथा कितनों को सरकार ने अपने राज्य में नौकरी दी या रोजगार अथवा स्वरोजगार से जोड़ा। साथ ही सरकार को यह भी आंकड़ा साझा करना चाहिए था कि कितने मजदूरों को उनकी योग्यता और क्षमता के अनुरुप कार्य मिला। लेकिन सरकार में यह हिम्मत नहीं, क्योंकि अगर उन्होंने आंकड़ों को साझा किया तो उनकी नाकामियों का पोल खुल जाएगा। सच्चाई ये है कि बयानों से चलने वाली सरकार आंकड़ें साझा करने से डरती है।
मजदूरों का भविष्य अंधेरे में है
सुदेश ने कहा कि मशीनीकरण और ऑटोमेशन के इस युग में मजदूरों का भविष्य अंधेरे में है। इस कारण से कितने मजदूरों की रोजी-रोटी खत्म हो चुकी है। इन विषम परिस्थितियों में हमारी भूमिका और अहम हो जाती है। समय करवट ले रहा है और बदली हुई परिस्थितियों में हमें आने वाले कल के लिए आज से ही तैयारी करनी होगी। तकनीक एवं आधुनिकता के इस दौर में हमें आगे बढ़ना भी है और श्रमिकों को सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा भी सुनिश्चित कराना है। यह वक्त संगठित रहने एवं संगठित करने का है। मजदूर को मजबूर नहीं, मजबूत करना ही अखिल झारखंड श्रमिक संघ का संकल्प है।
मजदूरों के हक और अधिकार का हनन बर्दाश्त नहीं
वहीं, राज्यस्तरीय अधिवेशन को संबोधित करते हुए गिरिडीह के सांसद और आजसू पार्टी के वरीय उपाध्यक्ष चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा कि मजदूरों के हक और अधिकार का कोई हनन करेगा, तो हम उसे हरगिज़ बर्दाश्त नहीं करेंगे। घोटालेबाजों और शोषण करनेवाले को हम आईना दिखाते आये हैं और आगे भी अपना यह फ़र्ज़ बखूबी निभाएंगे। मौके पर अखिल झारखंड श्रमिक संघ के प्रदेश अध्यक्ष रोशनलाल चौधरी ने कहा कि झारखंड में बहुत बड़ी संख्या में लोग असंगठित मजदूरों के रूप में काम करते है, ठेकेदारों के स्वामित्व में काम करते है और काफी संख्या में मजदूरों का शोषण भी होता है। दबे-कुचलों की आवाज़ को सड़क से सदन तक पहुंचाने के लिए आजसू पार्टी कृत संकल्पित है।