गीता जयंती पर भव्य कार्यक्रम, CM सैनी ने गुरुवार की छुट्टी की घोषणा

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Kurukshetra Gita Jayanti
Kurukshetra Gita Jayanti

मुख्यमंत्री नायब सैनी ने 21 हजार बच्चों के साथ किया गीता पाठ

कुरुक्षेत्र में बुधवार को गीता जयंती महोत्सव का ऐतिहासिक आयोजन हुआ, जिसमें हजारों लोगों ने भाग लिया। कार्यक्रम का सबसे बड़ा आकर्षण रहा मुख्यमंत्री नायब सैनी द्वारा 21 हजार से अधिक छात्रों के साथ एक साथ गीता का पाठ करना। यह भव्य आयोजन कुरुक्षेत्र की पवित्र भूमि पर हुआ, जहां भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था।

मुख्यमंत्री सैनी ने गीता को ‘जीवन का मार्गदर्शक ग्रंथ’ बताते हुए कहा कि इसमें वर्णित कर्तव्य, सत्य और धर्म के संदेश आज भी मानव जीवन को दिशा देने में महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से युवाओं में आध्यात्मिकता, संस्कृति और मूल्यों के प्रति जागरूकता बढ़ती है।

योगगुरु स्वामी रामदेव, जो इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, ने युवाओं को योग, स्वास्थ और नैतिक मूल्यों के प्रति जागरूक रहने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि गीता केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन प्रबंधन का महान शास्त्र है। रामदेव ने हजारों छात्रों और उपस्थित लोगों के साथ मिलकर गीता पाठ किया और राज्य सरकार द्वारा सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के प्रयासों की सराहना की।

कार्यक्रम में बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, गीता पर आधारित मंचन और पारंपरिक कलाओं का प्रदर्शन भी केंद्र में रहा। प्रशासन ने बड़े स्तर पर सुरक्षा और व्यवस्थाओं का प्रबंध किया था।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के समापन पर घोषणा की कि गीता जयंती महोत्सव के उपलक्ष्य में प्रदेश में अगले दिन यानी गुरुवार को अवकाश रहेगा। उन्होंने कहा कि इससे छात्र और शिक्षक भी इस सांस्कृतिक उत्सव की ऊर्जा को महसूस कर सकेंगे और गीता के महत्व को समझने के लिए समय निकाल पाएंगे।

महोत्सव के दौरान गीता की शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से विभिन्न संस्थाओं द्वारा प्रदर्शनियां भी लगाई गईं। प्रशासन और आयोजकों ने इसे अब तक के सबसे सफल और अनुशासित कार्यक्रमों में से एक बताया।

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