हुड्डा की राहत की उम्मीद टूटी
हरियाणा की राजनीति में हलचल मचाने वाले मानेसर लैंड स्कैम केस में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बड़ा कानूनी झटका लगा है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हुड्डा की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने सीबीआई की जांच और चार्जशीट को चुनौती दी थी।
सीबीआई ने इस केस में 2019 में चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें हुड्डा समेत कई पूर्व अधिकारियों और बिल्डर्स पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने किसानों की जमीन को धमकी और दबाव के जरिए औने-पौने दामों में खरीदा, और फिर उसे प्राइवेट कंपनियों को ट्रांसफर कर करोड़ों रुपये का फायदा पहुंचाया।
जांच एजेंसी का दावा है कि इस पूरे घोटाले से सरकार को लगभग ₹1500 करोड़ का नुकसान हुआ था। अब हाईकोर्ट के फैसले के बाद CBI की स्पेशल कोर्ट में आरोप तय करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
कोर्ट ने कहा कि “जांच में पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं, जिन्हें सुनवाई के दौरान परखा जाएगा।” इसके साथ ही अदालत ने कहा कि इस स्तर पर केस को रद्द करने का कोई औचित्य नहीं है।
हुड्डा की ओर से दलील दी गई थी कि यह मामला राजनीतिक द्वेष से प्रेरित है और जांच एजेंसी ने तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया है। हालांकि, हाईकोर्ट ने यह तर्क खारिज कर दिया।
फैसले के बाद हुड्डा समर्थकों ने कहा कि वे न्यायिक प्रक्रिया में विश्वास रखते हैं और आगे भी अपना पक्ष मजबूती से रखेंगे।
इस फैसले के बाद हरियाणा की सियासत में एक बार फिर मानेसर लैंड स्कैम चर्चा में आ गया है।
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