महेश सिन्हा
कुढ़नी विधानसभा सीट पर होने जा रहे उपचुनाव को लेकर भाजपा और महागठबंधन की ओर से जोरदार तैयारी की जा रही है। चुनाव को लेकर एनडीए और महागठबंधन की ओरसे से प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया गया है। दोनों गठबंधनों ने 2015 के प्रत्याशियों को फिर से मौका दिया है। जहां महागठबंधन ने मनोज कुशवाहा को मौका दिया है, वहीं भाजपा ने 2015 के विधायक केदार गुप्ता को टिकट दिया है। प्रत्याशियों के नाम की घोषणा होने के साथ अब सभी पार्टियों के बीच राजनीतिक हमले भी शुरू हो गए हैं। एक ओर जहां जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कुढ़नी उपचुनाव को 2024 में भाजपा के अंत की दिशा में शंखनाद बताया है। वहीं दूसरी दूसरी तरफ जवाबी हमला करते हुए विधान परिषद् में विपक्ष के नेता सम्राट चौधरी ने ललन सिंह को सीधी चुनौती देते हुए कहा 2024 छोड़िए, उन्हें कुढ़नी उपचुनाव में ही यह पता चल जाएगा कि भाजपा क्या चीज है। उन्होंने कहा कि ललन सिंह कहते हैं कि उनकी पार्टी भाजपा को जमीन पर ला देगी। मैं कहता हूं कि जदयू इतनी मजबूत है तो वे चुनाव लड़ने के लिए गुजरात और हिमाचल प्रदेश क्यों नहीं चले जाते? सिर्फ बातों से काम नहीं चलता। उनके साथ कोई दूसरी पार्टी नहीं है। सम्राट चौधरी ने कुढ़नी उपचुनाव में भाजपा की जीत सुनिश्चित बताते हुए कहा कि यहां 2015 की कहानी एक बार फिर से दोहराई जाएगी। केदार गुप्ता को जनता का समर्थन हासिल है। जदयू के उम्मीदवार की करारी हार होने जा रही है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रत्याशी केदार गुप्ता बेहद नेक और ईमानदार छवि के नेता हैं, वो जरूर मनोज कुशवाहा को मात देंगे। वहीं, नीतीश कुमार के कुढ़नी में चुनाव प्रचार में जाने को लेकर सम्राट ने कहा कि नीतीश कुमार लवकुश समीकरण को साधने में लगे हुए हैं, इस कारण वो वहां जाएंगे। लेकिन, इसके बाद भी कोई प्रभाव पड़ने वाला नहीं है, क्योंकि अब नीतीश कुमार के पास कोई वोट बैंक नहीं है। वहीं, सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार को मोकामा उपचुनाव में आए परिणाम के बाद यह मालूम हो गया कि उनके पास मात्र 1000 लोगों का ही वोट है। नीतीश कुमार के पास अब कुछ भी नहीं बचा है।
लेखक न्यूज वाणी के बिहार के प्रधान संपादक हैं