पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्र संगठनों का उबाल
चंडीगढ़: पंजाब यूनिवर्सिटी (PU) में छात्रों और प्रशासन के बीच एफिडेविट नीति को लेकर टकराव लगातार बढ़ता जा रहा है। आंदोलनकारी छात्रों ने चेतावनी दी है कि जब तक यह विवादित नीति वापस नहीं ली जाती, संघर्ष जारी रहेगा।
छात्र संगठनों के बैनर तले कई छात्र प्रशासनिक ब्लॉक के बाहर धरने और नारेबाजी पर डटे हुए हैं। एक छात्र मरण व्रत (भूख हड़ताल) पर बैठा है, जिसका यह दूसरा दिन है। डॉक्टरों की टीम ने उसकी सेहत को लेकर चिंता जताई है।
छात्र नेताओं का कहना है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एफिडेविट के नाम पर छात्रों पर अनुशासन और विचार नियंत्रण थोपने की कोशिश की है। एफिडेविट में छात्रों से यह शर्त मांगी गई है कि वे किसी विरोध या प्रदर्शन में शामिल नहीं होंगे, जिसे छात्र संगठनों ने लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया है।
दूसरे छात्र संगठनों ने भी आंदोलन को समर्थन दिया है और प्रशासनिक भवन के बाहर “एफिडेविट वापिस लो” और “छात्र एकता जिंदाबाद” जैसे नारे लगाए।
प्रशासन ने बातचीत की कोशिश की है, लेकिन छात्र नेताओं ने साफ कहा कि “जब तक लिखित आदेश जारी नहीं होता, हम पीछे नहीं हटेंगे।”
PU प्रशासन का कहना है कि एफिडेविट का उद्देश्य केवल “कानूनी जवाबदेही” सुनिश्चित करना है, लेकिन छात्रों ने इसे भय का माहौल बनाने की कोशिश बताया है।
फिलहाल, कैंपस में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और पुलिस को भी अलर्ट पर रखा गया है।
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