पंजाब रोडवेज संकट गहराया
पंजाब में रोडवेज और पनबस कर्मचारियों की नाराजगी एक बार फिर उभरकर सामने आ गई है। बसों का चक्का जाम होने से कई रूटों पर परिवहन सेवाएं ठप हो गईं। चंडीगढ़ में सुबह से ही बसें डिपो से बाहर नहीं निकल सकीं, जिससे ऑफिस जाने वाले यात्रियों और छात्रों को विशेष रूप से दिक्कत का सामना करना पड़ा।
पटियाला में आज रोडवेज एवं पनबस यूनियनों की संयुक्त बैठक बुलाई गई है, जिसमें हड़ताल को लेकर अंतिम फैसला लिया जाएगा। कर्मचारी यूनियनें लंबे समय से भर्ती प्रक्रिया, पेंडिंग वेतन, निजीकरण के विरोध और खाली पदों को भरने जैसी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बना रही हैं।
सूत्रों के अनुसार, कर्मचारियों का कहना है कि सरकार ने कई दौर की बातचीत में आश्वासन जरूर दिए, लेकिन जमीन पर अभी तक किसी मुद्दे का समाधान नहीं हुआ। इस वजह से कर्मचारियों में रोष बढ़ता जा रहा है।
चंडीगढ़ और कई जिलों में बसों के खड़े होने से निजी वाहनों पर निर्भरता बढ़ गई है। कुछ यात्रियों ने आरोप लगाया कि हड़ताल की सूचना अचानक मिलने से उन्हें वैकल्पिक साधन खोजने में कठिनाई हुई।
इधर, यूनियनों का रुख साफ है कि जब तक सरकार स्पष्ट और लिखित आश्वासन नहीं देती, तब तक आंदोलन को और कठोर किया जा सकता है। आज पटियाला में होने वाली बैठक इस पूरे विवाद का महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है।
सरकारी सूत्रों का कहना है कि परिवहन विभाग स्थिति पर नजर बनाए हुए है और कर्मचारियों से बातचीत कर समाधान निकालने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, फिलहाल आम जनता को परेशानियों से राहत मिलने के आसार कम दिखाई दे रहे हैं।
यदि यूनियनें आज पूर्ण हड़ताल का ऐलान करती हैं, तो पंजाब में परिवहन सेवाएं पूरी तरह चरमरा सकती हैं।
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