भारतीय रिज़र्व बैंक की “ई-बात” – डिजिटल भुगतान जागरूकता अभियान गाँव रसीदा में आयोजित

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जींद/नरवाना।
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने लीड बैंक कार्यालय, पंजाब नेशनल बैंक, जींद के सहयोग से गाँव रसीदा में “ई-बात – डिजिटल भुगतान जागरूकता कार्यक्रम” का आयोजन किया। कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीणों को डिजिटल लेन-देन की सुविधा, सुरक्षा और महत्व के बारे में जागरूक करना था।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आरबीआई चंडीगढ़ से वरिष्ठ प्रबंधक योगेश देवरे, सुधीर अहलावत और लीड जिला प्रबंधक अनुपम मरांडी उपस्थित रहे। वहीं गाँव के सरपंच हरपाल सिंह और समाजसेवी गुरलाल सिंह ने भी विशेष रूप से भागीदारी की।

डिजिटल भुगतान से पारदर्शिता और सुविधा

वक्ताओं ने बताया कि डिजिटल भुगतान प्रणाली न केवल त्वरित और सुरक्षित है बल्कि सरकारी योजनाओं और सब्सिडी को सीधे लाभार्थियों तक पहुँचाने का प्रभावी माध्यम भी है। इससे नकद लेन-देन पर निर्भरता घटती है और पारदर्शिता बढ़ती है।

सुरक्षा को लेकर जागरूकता

आरबीआई के वरिष्ठ प्रबंधक योगेश देवरे ने ग्रामीणों को डिजिटल लेन-देन करते समय सावधानी बरतने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि किसी भी परिस्थिति में ओटीपी, पिन या व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें और अज्ञात कॉल व संदिग्ध लिंक से सतर्क रहें।

सरकारी योजनाओं की जानकारी

लीड जिला प्रबंधक अनुपम मरांडी ने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) जैसी योजनाओं की जानकारी दी और ग्रामीणों को इनसे जुड़ने के लिए प्रेरित किया।

संवाद और व्यावहारिक प्रदर्शन

शिविर के दौरान ग्रामीणों के प्रश्नों के उत्तर दिए गए और डिजिटल प्लेटफॉर्म का व्यावहारिक प्रदर्शन किया गया। सरपंच हरपाल सिंह ने कार्यक्रम के आयोजन के लिए आरबीआई अधिकारियों और लीड बैंक का आभार जताया। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल गाँवों में वित्तीय शिक्षा और डिजिटल सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाती है।

बड़ी भागीदारी

कार्यक्रम में रसीदा और आसपास के गाँवों से 250 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया और डिजिटल भुगतान प्रणालियों को अपनाने में रुचि दिखाई।

यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय साक्षरता, डिजिटल सशक्तिकरण और उपभोक्ता संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए आरबीआई के निरंतर प्रयासों का हिस्सा है।

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