पटना : भाजपा विधायक लखेन्द्र पासवान का निलंबन बुधवार को वापस ले लिया गया। इसके साथ ही विधानसभा में सत्ता और विपक्ष के बीच जारी गतिरोध समाप्त हो गया और भाजपा के सदस्य सदन की कार्यवाही में शामिल हो गए। इसके पहले भाजपा के लखेन्द्र पासवान और भाकपा-माले विधायक सत्यदेव राम ने अपने अपने व्यवहार के लिए सदन में खेद जताया। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने भाजपा विधायक लखेन्द्र पासावन के निलंबन को वापस लेने की घोषणा की। विधानसभा अध्यक्ष की इस घोषणा का सत्ता पक्ष और विपक्ष के सभी सदस्यों ने स्वागत किया। निलंबित भाजपा विधायक लखेंद्र कुमार रौशन संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी के आग्रह पर सदन में लौटे। उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने सदन में बुलाया। लखेंद्र रौशन ने अपना पक्ष रखा, जिसके बाद सर्वसम्मति से उन्हें निलंबन मुक्त किया गया। जिसके बाद भाजपा के सभी विधायक भी सदन की कार्यवाही में शामिल हुए। भाजपा विधायकों के सदन में आने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आप आए बहार लाए। वहीं, संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि आपके आने से सदन की रौनक ही बढ़ गई है। आप नहीं थे तो सुना लगता था। इसलिए आसन के साथ हम भाजपा विधायकों को भी बधाई देते हैं और स्वागत करते हैं। वहीं नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि सदन की परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए धन्यवाद देता हूं। सदन के गतिरोध को दूर करने का प्रयास सभी सदस्य करते हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष सरकार के अंग हैं। इस लोकतंत्र के मंदिर में सभी की जिम्मेदारी है कि जनता के उम्मीदों पर हम खड़े उतरे। उन्होंने कहा कि जनता की आवाज बनकर सुझाव देना,सरकार को आईना दिखाना हमारा काम है। अपने सभी विधायकों को धन्यवाद देते हैं कि अध्यक्ष महोदय के आदेश के बाद हम सब सदन की कार्यवाही में फिर से शामिल हुए। कोई ऐसी हल्की बात नहीं होनी चाहिए जिससे किसी को ठेस लगे। आज धरना पर हम बैठे थे कल कोई और बैठेगा। इसका उपहास या मजाक उड़ाना उचित नहीं है। सिन्हा ने सदन में कहा कि कभी किसी के चेहरे को मत देखों उसके मन को देखों क्योंकि सफेद रंग में बफा होती तो नमक जख्मों की दवा होती। जैसे-जैसे नाम आपका ऊंचा होता है वैसे वैसे शांत रहना सिखिये क्योंकि आवाज हमेशा सिक्कों में होती नोटों को कभी बजते हुए नहीं देखा। उल्लेखनीय कि भाजपा विधायक लखेन्द्र के निलंबन के खिलाफ भाजपा विधायकों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया था और विधानसभा के बाहर धरना दिया था। जिसको लेकर सदन के अंदर संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी के तरफ से इनलोगों को बुलावा भी दिया गया। इसके बाद भी भाजपा विधायक सदन के अंदर नहीं आए। विधानसभा के बाहर भाजपा विधायक धरने पर बैठे रहे और गद्दी छोड़ो…गद्दी छोड़ो के नारे लगाते रहे। भाजपा ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस्तीफे की मांग की। इसके बाद भाजपा विधायकों ने राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा था। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ने मामले को सुलझाने के लिए कांग्रेस विधायक दल के नेता अजित शर्मा को जिम्मेवारी सौंपी थी। उन्होंने पहल कर बीच का रास्ता निकाला और भाजपा विधायक को सदन में लाने में सफल रहे।