रांची : पत्रकार और लेखक संजय कृष्ण की दो पुस्तकों झारखंड के 50 क्रांतिकारी तथा परमवीर अल्बर्ट एक्का की जीवनी का लोकार्पण मंगलवार को हुआ। कार्यक्रम में पुस्तकों की विषेषता बताते हुए वरिष्ठ पत्रकार सैयद शहरोज कमर ने कहा कि प्रभात से ही छपी ये दोनों किताबें अपने कंटेंट में अनूठी हैं। झारखंड का मूल तेवर ही अनीति के विरुद्ध प्रतिकार का रहा है, अनगिनत सूरमाओं ने इसे अपने संघर्षों से सिद्ध भी किया है। यूं तो अनगिनत शूरवीर हुए। लेकिन पहली किताब इस मायने में अलग है कि इसमें संजय ने उन अनाम वीरों से रूबरू कराया है, जिनके बारे में जानकारी नहीं मिलती। वहीं परमवीर अल्बर्ट एक्का पर केंद्रित दूसरी पुस्तक हिंदी में संभवत: पहला प्रयोजन है।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार डॉ अशोक प्रियदर्शी ने कहा कि बेहतर दुनिया बनाने में इतिहास सहायक होता है। इस अर्थ में संजय कृष्ण का प्रयास सार्थक है। उनकी किताबें अनाम शूरवीरों की गाथा से हिंदी के बड़े संसार का परिचय कराती हैं। कार्यक्रम में परम वीर अल्बर्ट एक्का के पुत्र विंसेंट एक्का उपस्थित रहे। इनके अलावा पांच और क्रांतिकारियों के वंशजों ने भी अपने मार्मिक संस्मरण साझा किए।
झारखंड के इतिहास पर बारीक दृष्टि रखने वाले कथाकार राकेश कुमार सिंह ने मुख्य वक्तव्य में इन किताबों की समकालीन महता पर बल दिया और इसे बेहद जरूरी पुस्तक बताया। दूरदर्शन केंद्र रांची के पूर्व निदेशक पीके झा और इतिहासकार प्रो एलएन राणा ने भी सारगर्भित बातें कहीं। कार्यक्रम का संचालन सैयद शहरोज कमर ने किया।वहीं, धन्यवाद ज्ञापन प्रभात प्रकाशन रांची के मैनेजर राजेश शर्मा ने किया। मौके पर पंकज मित्रा, रोशल लाल भाटिया, विनोद कुमार, प्रवीण परिमल, हिमकर श्याम, नरेश बंका, एमजेड खान, डॉ आशुतोष, घनश्याम, अनिता रश्मि, रश्मि शर्मा, सत्यकृति शर्मा, डॉली कुजारा, सारिका भूषण, नवीन मिश्र, अजय सिंह, मनोज लाल, रवि दत्त, प्रवीरनाथ लाल शाहदेव, प्रदीप सिंह समेत कई लोग उपस्थित थे।