पटना : बिहार विधान सभा में मंगलवार को भारी हंगामा हुआ। विधाननसभा के बजट सत्र की कार्यवाही के दौरान मंगलवार को भारी हंगामा हुआ। एक समय भाजपा और भाकपा (माले) के सदस्यों के बीच हाथापाई की नौबत आ गयी थी। जिससे मार्शल को बुलाना पड़ा। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी भाजपा सदस्यों ने वेल में आकर हंगामा शुरू कर दिया। दूसरी तरफ भाकपा-माले के विधायक भी अपनी मांग को लेकर जोर-जोर से बोलने लगे। दोनों दलों की ओर से जबर्दस्त हंगामा हुआ। विधायक अध्यक्ष के आसन की तरफ से एक-दूसरे दल के सीट की ओर बढ़ने लगे। विधानसभा अध्यक्ष ने मार्शल को बुलवा लिया।मार्शल के साथ विधानसमभा के कई सुरक्षाकर्मियों ने एक घेरा बनाकर दोनों दलों के उग्र विधायकों को रोका। प्रश्नकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वर्तमान सरकार भ्रष्टाचारी की गोद में बैठी है। गुंडा का राज दिखाई पड़ रहा है। यह व्यवस्था बदलनी चाहिए। इसके बाद राजद विधायक आक्रोशित हो गए और जोरदार विरोध किया। दूसरी तरफ भाजपा विधायक लालू लीला किताब लहरा रहे थे। भाजपा विधायकों ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से इस्तीफे की मांग की। इधर, विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने कहा कि आप सबूत के साथ किसी को भ्रष्टाचारी कहिए। आप पहले सबूत लाइए। भाजपा विधायक इस दौरान वेल में पहुंच गए। नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि किशनगंज में मंदिर में आग लगाने के मामले, जेठुली हत्याकांड, मंत्री इसराइल मंसूरी पर हत्या के आरोप मामले पर सरकार जवाब दे। वहीं, कानून- व्यवस्था और अन्य मुद्दे पर भाजपा ने विधानसभा में कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया। जबकि आंगनबाड़ी सेविकाओं का मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर जबर्दस्त हंगामा हुआ। प्रश्न कर रहे भाजपा विधायक लखिन्द्र पासवान ने माईक तोड़ दिया। इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हो गए। इस दौरान मामला काफी बढ़ गया। स्थिति इतनी खराब हो गई कि सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। दरअसल, प्रश्नोत्तर काल के दौरान भाजपा विधायक लखिन्द्र पासवान ने कहा कि उन्हें सत्ता पक्ष की तरफ से गालियां दी जा रही है जो कि कतई उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के निर्देशानुसार विपक्ष का माइक बंद कर दिया जाता है। विपक्ष को बोलने नहीं दिया जाता है। इतना ही नहीं नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने भी उनका समर्थन करते हुए कहा कि सत्ता पक्ष की तरफ से अपशब्द और गालियां की भाषा का प्रयोग किया जाता है। विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। यह कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। जिसके बाद राजद और भाजपा के सदस्य आमने सामने खड़े हो गए। वहीं, इस मामले को लेकर विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने कहा कि सदस्य लखिन्द्र पासवान ने गलत किया। उन्होंने माइक तोड़ दिया है। इस पर उचित कार्रवाई की जायेगी। भोजनावकाश के बाद दूसरी पाली की कार्यवाही शुरू होते ही माइक प्रकरण मामले पर ठन गई। विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने सदन में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा को बोलने का मौका दिया। जिसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी के विधायक पर लगे आरोप पर कहा कि वो माइक तोड़ नहीं रहे थे बल्कि वो माइक खोल रहे थे। इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे के आमने-सामने आ गए। इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि सदन में भाजपा विधायक लखेंद्र कुमार ने माइक तोड़ दिया, ये आसन और सदन का अपमान है। उन्होंने कहा कि सदन सुचारु रूप से चले इसलिए लखिन्द्र पासवान खेद प्रकट करें नहीं तो कार्रवाई करना पड़ेगा। इसके बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव खड़े हुये और कहा कि ऐसे नहीं बल्कि ऐसे माइक खुलता है। वहीं, इस पूरे मामले को सुनने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने भाजपा विधायक लखेन्द्र पासवान को दो दिनों के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया। जिसके बाद भाजपा के नेता बेल में आकर हंगामा करने लगे। इतना ही नहीं विपक्ष ने सदन की कार्यवाही का जोरदार विरोध करते हुए सदन का बहिष्कार कर दिया। दरअसल, भाजपा विधायक लखेन्द्र पासवान ने सेविका और सहायिका को दिए जाने वाले मानदेय को सम्मानजनक बनाए जाने को लेकर सवाल उठाया। इस दौरान कांग्रेस और माले विधायक ने रोकटोक की, जिससे नाराज विधायक ने माइक को ही तोड़ दिया। जिसके बाद भारी हंगामा देखने को मिला। भाजपा विधायक लखेन्द्र पासवान ने सेविका को 15 हजार और सहायिका को 10 हजार दिए जाने की मांग की थी। जिसपर मंत्री मदन सहनी ने कि बिहार सरकार सेविका को मानदेय के रूप में 5950 रूपए दिए जाते हैं, जिसमे केंद्र सरकार की ओर से 4500 रूपए दिए जाते हैं। अगर केंद्र सरकार राशि बढ़ाती है तभी राज्य सरकार दे पाएगी। मंत्री मदन सहनी के जवाब पर भाजपा विधायक लखेंद्र पासवान ने कहा कि केंद्र सरकार पैसा दे रही है, राज्य सरकार अपना अंश बढ़ाये। इसी बीच माले विधायकों ने बीच में रोकटोक शुरू कर दी, जिसपर भाजपा विधायक ने माइक पर ही अपना गुस्सा निकल दिया और उसे तोड़ दिया। जिसके बाद भाजपा विधायक और सत्ता पक्ष भी आमने सामने आ गए। वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने लखेंद्र पासवान को चेतावनी दे दी। जिसपर नेता प्रतिपक्ष विजय सिंह भी भड़क गए और भाजपा विधायकों के साथ वेल में भी धरने पर बैठ गए। हंगामा बढ़ते ही अध्यक्ष ने विधानसभा की कार्यवाही भोजनावकाश से पहले ही स्थगित कर दी। वहीं, लखेंद्र पासवान ने अपनी सफाई में कहा कि वह आंगनबाड़ी सेविकाओं के मानदेय को बढ़ाने की मांग कर रहे थे। इस दौरान उनका माइक बंद कर दिया गया। सत्ता पक्ष की ओर से मेरे लिए अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया गया। गालियां दी गई। उन्होंने कहा कि मैंने माइक तोड़ा नहीं, माइक खुल गया।