पटना : बिहार सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में साफ कर दिया कि राज्य में फ्री बिजली नहीं मिलने वाली है। बिजली विभाग की अनुदान मांगो पर बोलते हुए ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि बिहार में किसी को मुफ्त बिजली नहीं मिलने जा रही है। उन्होंने कहा कि फ्री बिजली चलने वाली नहीं है। जो राज्य मुफ्त में बिजली दे रहे हैं, उनके ऊपर कर्ज लदा हुआ है। सरकार ने दावा किया कि बिहार में पहले से ही दूसरे कई राज्यों की तुलना में कम पैसे में बिजली दी जा रही है।उर्जामंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जितने में बिजली खरीद रही है उससे काफी कम में लोगों को दे रही है। इसके लिए सात हजार करोड़ रूपये से ज्यादा का अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चार सालों से बिहार में बिजली का दर नहीं बढ़ा है। विजेंद्र यादव ने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर बिहार सरकार का क्रांतिकारी कदम है। पूरे देश में पहली दफे बिहार में बिजली का प्रीपेड मीटर लग रहा है। जितना पैसे भरवाइये उतनी बिजली की खपत करिये। मंत्री ने कहा कि प्रीपेड मीटर लगाने के बिहार के फैसले का पूरा देश नकल कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बिहार मॉडल की तरह पूरे देश में प्रीपेड बिजली मीटर लगाने की बात कही है। बिहार में लगभग 50 लाख घरों में प्रीपेड मीटर लगाये जा चुके हैं। अक्टूबर 2022 में ही 1 करोड़ 48 लाख घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का फैसला लिया गया था। इसके लिए 15 हजार करोड़ रूपये से ज्यादा खर्च करने की मंजूरी दी गयी थी। इसमें से 36 लाख घरों में प्रीपेड मीटर लगाये जा चुके हैं, बाकी बचे घरों में भी ऐसा ही मीटर लगाने का काम चल रहा है। ऊर्जा मंत्री प्रीपेड मीटर की शिकायतों को मानने को तैयार नहीं थे। उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र की एक महिला शिकायत लेकर आई कि दो बल्ब जलाते हैं और 2 हजार का बिजली बिल आया है। उन्होंने कहा कि एक दिन वे उस महिला के घर चले गये तो देखा कि उसके घर में पांच पंखा, 8-10 बल्ब, दो फ्रिज चल रहे हैं। मंत्री को देखकर महिला वहां से भाग गई। लेकिन विधानसभा में सारी पार्टी के विधायकों ने प्रीपेड मीटर की शिकायत की थी। लिहाजा मंत्री ने ये एलान किया कि राज्य के हर प्रखंड में महीने के दूसरे शनिवार को कैंप लगा कर प्रीपेड मीटर की शिकायतों को सुना जायेगा।