नयी दिल्ली : वेदांता समूह को झटका देते हुए उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को उड़ीसा उच्च न्यायालय के 2010 के फैसले को बरकरार रखा जिसमें राज्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए करीब 6,000 एकड़ जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया को रद्द करने का फैसला किया गया था।राज्य सरकार से नाखुशी जताते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि वेदांता को अनुचित लाभ पहुंचाया गया और राज्य सरकार की ओर से प्रस्तावित संपूर्ण अधिग्रहण की कार्यवाही ‘पक्षपात से प्रभावित थी।