सरकार आंदोलनकारियों के संघर्ष और झारखंड गठन के मकसद को समझें : सुदेश महतो

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रांची। हम सभी सौभाग्यशाली हैं कि हमारा जन्म उलगुलान के महानायक धरती आबा बिरसा मुंडा, चुआड़ विद्रोह के महानायक रघुनाथ महतो तथा हूल विद्रोह के क्रांतिकारी योद्धा सिदो-कान्हू, चांद-भैरव सहित अगणित वीर शहीदों की पावन धरती झारखंड में हुआ है। आज का दिन हमें अपनी धरती की उन तमाम शख्सियतों और अलग-अलग आंदोलनों के कर्मठ लड़ाके को याद करने के साथ-साथ जल, जंगल, जमीन तथा आनेवाली पीढ़ियों को और सशक्त बनाने के लिए प्रेरित करता है।मंगलवार को ये बातें आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहीं।

राज्य की नीति-निर्णयों में झारखंडी विचारधारा तथा जनमानस की भावनाओं की भागीदारी सुनिश्चित हो

वे धरती आबा बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर डोड़ेया, तमाड़ में स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद बोल रहे थे। श्री महतो ने कहा कि जिस धरती आबा को सामने रखकर झारखंड का गठन किया गया, उसके पीछे के संघर्ष और मकसद को समझने की जरुरत है। जिन विषयों को लेकर इतनी बड़ी शक्ति एकत्रित हुई, असंख्य कुर्बानियां दी गई, इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी हम उन्हें स्थापित कर पाए या नहीं, बड़ी आबादी के मन के सवाल सुलझा पाए या नहीं, इसका मूल्यांकन जरूरी है। इस दौरान उन्होंने वीर बिरसा जयंती समारोह सह त्रिदिवसीय मेला का भी उद्घाटन किया।सुदेश ने कहा कि राज्य की आधी आबादी आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं।

पूरे राज्य में दी गई धरती आबा बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि

राज्य तथा केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के केंद्र बिंदु में हमेशा एक अदना गरीब परिवार होता है। लेकिन इन योजनाओं के कारण हम उस परिवार में कितना परिवर्तन लेकर आएं हैं, इसका मूल्यांकन ज्यादा जरुरी है। हमें विकास को व्यवसायिक नजरिये से नहीं बल्कि मानवीय मूल्यों के आधार पर परिभाषित करने की जरुरत है तथा राज्य की नीति-निर्णयों में झारखंडी विचारधारा, यहां के जनमानस की भावनाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना है।स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड के आदिवासियों-मूलवासियों की अद्भुत संस्कृति, समृद्ध भाषा, जीवन दर्शन और संघर्ष का इतिहास इस दिवस के ताने-बाने को और मजबूत करता है। कहा कि झारखंड के युवाओं, यहां की महिलाओं में असंभव को हासिल करने की क्षमता है। हमारे राज्य के लोग कर्मठ, मेहनती और स्वाभिमानी है।

जरूरत है तो इन्हें उचित मंच प्रदान करने की। खेल और पर्यटन के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। हमारे होनहार खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान स्थापित कर रहे हैं।बिरसा जयंती के मौके पर आजसू पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने पूरे राज्य में धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित की तथा उनके विचारों को आत्मसात करने का संकल्प लिया। आजसू नेताओं ने कहा कि आदिवासी समाज की दशा और दिशा बदलकर नवीन सामाजिक और राजनीतिक युग का सूत्रपात करनेवाले धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा ने ना सिर्फ स्वतंत्रता आंदोलन में अपना बहुमूल्य योगदान दिया बल्कि सामाजिक चेतना जागृत कर जल, जंगल और जमीन के लिए अपनी आवाज़ बुलंद की तथा शोषित एवं वंचित वर्ग के कल्याण के लिए जीवनपर्यंत संघर्ष किया। उनके विचार युगों युगों तक अमिट रहेंगे।

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