नयी दिल्ली । स्तंभकार और लेखक पी साईनाथ ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 महामारी भारत के इतिहास में एक असाधारण खुलासे का क्षण था जिसने समाज में व्याप्त असमानता के तत्वों को उजागर किया। साईनाथ ने कहा कि भले ही असमानताएं पहले से मौजूद थीं, यह कोरोनो वायरस महामारी थी जिसने समाज की सबसे खोजपूर्ण, कठोर, शानदार और संपूर्ण ऑटोप्सी की। नई दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में समाजवादी नेता सुनील गुप्ता की स्मृति में आयोजित सुनील स्मृति व्याख्यान में साईनाथ ने कहा, इसने हमें दिखाया कि हम किस समाज में हैं। इसने पहले भी दिखाया था, लेकिन इस बार हम अपना मुंह नहीं फेर सकते। असमानता के युग में भारत विषय पर बोलते हुए, उन्होंने कहा कि इस समय के दौरान लोगों के लिए भारतीय असमानताओं के जनाजे से अपना मुंह फेरना मुश्किल हो गया। साईनाथ ने कहा, लाश मेज पर है और हर नस, स्नायु, धमनी, हर हड्डी, अंग दिख रहा है। हमारी असमानताओं के सभी तत्व पोस्टमार्टम टेबल पर साफ नजर आ गए थे। महामारी के शुरुआती दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मार्च 2020 में लॉकडाउन की घोषणा और उसके बाद के कर्फ्यू को याद करते हुए साईनाथ ने मीडिया के कवरेज पर अफसोस जताया।