न्यूयार्क. भारत ने आतंकवाद पर विश्व समुदाय को आगाह किया है. संयुक्त राष्ट्र में भारत की राजदूत रुचिरा कंबोज ने सुरक्षा परिषद के विशेष सत्र के संबोधन में कहा कि आतंकवाद से पूरी दुनिया को खतरा है. दुनिया आतंकवाद और आतंकवादियों को लेकर दोहरे मानदंड न अपनाए. अफ्रीका समेत विश्व के कई देशों में आतंकवाद फैल रहा है.
‘आतंकी कृत्यों से अंतरराष्ट्रीय शांति व सुरक्षा को खतरा’ विषय पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ब्रीफिंग में भी रुचिरा कंबोज ने भारत का रुख साफ किया. उन्होंने कहा कि हमें आतंकवाद को किसी प्रेरणा पर आधारित बताने से बचना चाहिए. इससे अवसरवादी लोगों को कुछ आतंकी गतिविधियों को जायज ठहराने का मौका मिलेगा.
संयुक्त राष्ट्र में भारत की राजदूत ने कहा कि आईएसआईएस अब अफ्रीका में पैर फैला रहा है. विश्व समुदाय को आतंकी खतरे को अलग-अलग नजरिये से देखना बंद कर इस पर पूरा ध्यान केंद्रित करना चाहिए. इसके दुनिया के अन्य हिस्सों में भी फैलने का उतना ही खतरा है.
रुचिरा कंबोज ने कहा कि यह हमारा सुविचारित मत है कि दुनिया के किसी भी हिस्से में यदि आतंकवाद है तो वह समूची दुनिया की शांति व सुरक्षा के लिए खतरा है. इसलिए इस चुनौती को हमारा जवाब एकीकृत, समन्वित और सबसे जरूरी है कि यह प्रभावी होना चाहिए. उन्होंने कहा कि आपको याद होगा कि 9/11 के कायरतापूर्ण हमले की 20 वीं बरसी के मौके पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद से साझा ढंग से मुकाबले के लिए कई सुझाव दिए थे.
इससे पहले आतंकवाद निरोधी समिति के कार्यवाहक कार्यकारी निदेशक वेक्सिओंग चेन ने मंगलवार को आशा जताई कि अक्टूबर में भारत में होने वाली आतंकवाद विरोधी विशेष बैठक बहुपक्षीय प्रयासों को और मजबूत करेगी. अक्टूबर में आतंकवाद से निपटने के नए उपाय ढूंढने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों की विशेष बैठक भी होगी. भारत इसकी मेजबानी करेगा.
उन्होंने कहा- ‘मैं 28 से 30 अक्टूबर, 2022 तक नई दिल्ली और मुंबई में होने वाली आतंकवाद पर रोकथाम के उद्देश्यों के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग पर आतंकवाद विरोधी समिति की आगामी विशेष बैठक की परिषद को सूचित करना चाहता हूं कि यह आयोजन हमारे बहुपक्षीय और बहुआयामी आतंकवाद विरोधी प्रयासों को और बढ़ाने और मजबूत करने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा.’