हाईकोर्ट का सख्त फैसला

67
हाईकोर्ट का सख्त फैसला
हाईकोर्ट का सख्त फैसला

सरकारी कर्मचारियों से जुड़े अपराध निजी समझौते से खत्म नहीं होंगे

चंडीगढ़ हाईकोर्ट ने सरकारी कर्मचारियों से संबंधित अपराधों पर एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है। अदालत ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति सरकारी पद पर रहते हुए अपराध करता है, तो उस मामले को “निजी विवाद” की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता और पक्षों के बीच समझौते से उसे खत्म नहीं किया जा सकता।

यह फैसला उस याचिका पर आया जिसमें एक सरकारी कर्मचारी पर कदाचार और आपराधिक साजिश के आरोप थे। याचिकाकर्ता ने यह कहते हुए केस खत्म करने की मांग की थी कि दोनों पक्षों के बीच निजी समझौता हो गया है।

अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि सरकारी सेवा में रहते हुए किया गया अपराध पूरे समाज पर असर डालता है, इसलिए यह “पब्लिक डोमेन” का मामला है। ऐसे अपराधों को अदालत केवल आपसी समझौते के आधार पर समाप्त नहीं कर सकती, क्योंकि इससे लोक प्रशासन की साख और व्यवस्था पर आंच आती है।

हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि यदि ऐसे मामलों में समझौते की अनुमति दी जाती है तो इससे भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग को बढ़ावा मिलेगा। अदालत ने निचली अदालतों को निर्देश दिया कि वे सरकारी कर्मचारियों से जुड़े आपराधिक मामलों में समझौते के आधार पर सुनवाई समाप्त करने से पहले सार्वजनिक हित की कसौटी पर विचार करें।

इस फैसले को न्यायिक विशेषज्ञों ने “महत्वपूर्ण मिसाल” बताया है, जो आने वाले समय में सरकारी सेवा में अनुशासन और पारदर्शिता बनाए रखने में मददगार साबित होगा।

Loading