रोहतक स्थित गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के परिसर में सोमवार को छात्रों और प्रशासन के बीच बढ़ते अविश्वास का प्रतीक देखकर छात्र वर्ग ने वीसी का पुतला जला कर अपना विरोध दर्ज कराया। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में विद्यार्थी शामिल हुए और घोषणापत्र व नारेबाजी के माध्यम से उन्होंने विश्वविद्यालय प्रबंधन पर आरोप लगाए कि उनकी कार्रवाइयों ने एमडीयू की प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचाई है।
छात्रों का कहना है कि हाल के फैसलों और प्रशासनिक उदासीनता के चलते छात्र जीवन प्रभावित हुआ है — परीक्षा तिथियों में अनिश्चितता, परिणाम जारी करने में देरी, और प्लेसमेंट गतिविधियों में बाधाएँ प्रमुख चिंताएँ हैं। एक छात्र नेता ने कहा, “हमारी पढ़ाई और करियर इन फैसलों से प्रभावित हो रहे हैं — अगर समय पर सुधार नहीं हुआ तो कई छात्रों का भविष्य दांव पर लग जाएगा।” छात्रों ने विश्वविद्यालय से शीघ्र संवाद व समस्याओं के स्थायी समाधान की मांग की।
प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, पर प्रशासनिक पदाधिकारियों ने इसे गंभीरता से लेते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी। विश्वविद्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि कुछ मुद्दों पर प्रक्रियागत जटिलताएँ थीं और वे छात्रों से खुले संवाद के लिए तैयार हैं, परन्तु पुतला दहन जैसे तरीकों को अनुचित बताया। अधिकारीयों ने आश्वासन दिया कि जहां तक संभव होगा समस्याओं का निबटारा किया जाएगा और छात्रों के हितों का ध्यान रखा जाएगा।
स्थानीय शिक्षा समुदाय व अभिभावक भी स्थिति पर चिंतित दिखे। अनेक शिक्षाविदों का कहना है कि संस्थागत निर्णयों में पारदर्शिता व समयबद्धता न होने से विश्वविद्यायलय की साख पर असर पड़ता है और इसका खामियाजा सबसे अधिक छात्र भुगतते हैं।
अब सवाल यह है कि प्रशासन किस तरह और कितनी शीघ्रता से छात्रों की मांगों पर कार्रवाई करेगा। यदि संवाद और ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो छात्र आंदोलन और तेज होने का अनुमान है।
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