18.50 लाख कैश, सोने के बिस्किट और विदेशी करेंसी मिली
दिल्ली धमाके की जांच में जुटी एजेंसियों को बड़ी सफलता तब मिली, जब आरोपी आतंकी शाहीन के फ्लैट और उससे जुड़े ठिकानों पर छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में कैश और कीमती सामान बरामद हुआ। पुलिस और स्पेशल सेल की संयुक्त टीम ने उसकी गिरफ्तारी के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी परिसर में बने एक सीक्रेट लॉकर की जानकारी हासिल की, जहां उसने अपना पूरा अवैध खजाना छिपा रखा था।
छापेमारी के दौरान लॉकर से ₹18.50 लाख नकद, दो सोने के बिस्किट, कई सोने-चांदी के जेवर, और विदेशी करेंसी के बंडल मिले। अधिकारियों का कहना है कि यह रकम और कीमती सामान धमाके की साजिश, उसके नेटवर्क को फंडिंग देने और भागने की तैयारी के लिए रखा गया था।
जांच एजेंसियों के अनुसार, शाहीन लंबे समय से दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय आतंकी मॉड्यूल से जुड़ा हुआ था। वह संदिग्ध लेनदेन और फंडिंग चैनल के जरिए विदेश से मिलने वाले पैसों को यूनिवर्सिटी के कैंपस में सुरक्षित रखने के लिए इस गुप्त लॉकर का इस्तेमाल किया करता था। अल-फलाह यूनिवर्सिटी का यह कमरा उसके “सुरक्षित जोन” की तरह था, जहां बिना संदेह के वह आने-जाने में सक्षम था।
बरामद हुए डिजिटल सबूतों, मोबाइल और चैट रिकॉर्ड से भी अहम सुराग मिले हैं, जिनसे इस मॉड्यूल के अन्य सदस्यों और विदेश में बैठे मास्टरमाइंड तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है। पुलिस का कहना है कि शाहीन ने पूछताछ में कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए हैं, जिनके आधार पर आगे छापे मारे जा रहे हैं।
अधिकारियों का दावा है कि यह बरामदगी राजधानी में संभावित आतंकी गतिविधियों को रोकने में बेहद महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगी। साथ ही, इससे नेटवर्क की फंडिंग, लॉजिस्टिक्स और सहायता देने वालों का पूरा चेहरा सामने आएगा।
यह कार्रवाई दिखाती है कि दिल्ली धमाके की साजिश केवल कुछ व्यक्तियों तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसके पीछे एक संगठित और वित्तीय रूप से मजबूत नेटवर्क काम कर रहा था।
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