अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में बोले एसडीएम गीता केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं
जीवन जीने की व्यावहारिक नीति
सफीदों (एस• के• मित्तल) : एसडीएम पुलकित मल्होत्रा ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण के मुख से निकले गीता के श्लोक स्वर्ण अक्षरों के समान हैं, जो संपूर्ण मानवता के लिए अमूल्य धरोहर हैं। श्रीमद्भगवद्गीता आज भी जीवन को सही दिशा देने वाली मार्गदर्शिका के रूप में प्रासंगिक है। यह भारत की श्रेष्ठ आध्यात्मिक विरासत है, जिसने युगों-युगों तक मानव को कर्तव्य, अनुशासन और नैतिकता का संदेश दिया है। वे बुधवार को श्री नागक्षेत्र मंदिर में नागक्षेत्र मंदिर सेवा समिति द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में मनोनीत पार्षद हरीश उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्ज्वलित कर की। कार्यक्रम में अजय कश्यप एंड पार्टी तथा हरियाणा कला परिषद रोहतक मंडल के कलाकार सोमबीर मालिक, वर्षा देवी, आशीष सिहान, अमन घनगस, मानसी शर्मा, पूजा शर्मा, दिव्या, ज्योति सहित अन्य कलाकारों ने भजन व विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से वातावरण को भक्ति और संस्कृति से सराबोर कर दिया। एसडीएम पुलकित मल्होत्रा ने कहा कि गीता केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की व्यावहारिक नीति है, जो मनुष्य को आत्मज्ञान, धैर्य, अनुशासन और सकारात्मकता की राह दिखाती है। उन्होंने कहा कि गीता का मूल संदेश ‘कर्मपरायणता’ है—फल की चिंता किए बिना निष्ठा से कर्तव्य का पालन ही सच्चा योग है। उन्होंने विद्यार्थियों और उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तनावपूर्ण दौर में गीता का संदेश और अधिक आवश्यक हो गया है। यह युवाओं को आत्मसंयम, साहस और कठिनाइयों से मुकाबला करने की प्रेरणा देती है। मंच पर नागक्षेत्र मंदिर सेवा समिति के प्रधान जय कुंवार कंसल, सचिव विनोद मिश्रा, कोषाध्यक्ष राकेश मित्तल, प्रमोद कौशिक, भजन सैनी, रवि थनई, कृष्ण वत्स, देवेंद्र गर्ग, विजय कौशिक, यशपाल सुरी, इंद्र सिंह, रोहिल्ला, शंकरदास डूडेजा, सूरजभान सैनी, ओमप्रकाश शर्मा, रमेश शर्मा, सरोज भाटिया, कविता शर्मा, रामरति वर्मा सहित अनेक गणमान्य मौजूद रहे।
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