टीईटी अनिवार्यता से छूट देने की मांग तेज
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ का एक प्रतिनिधिमंडल आज सांसद धर्मबीर सिंह से मिला और शिक्षकों से जुड़ी प्रमुख मांगों पर विस्तृत चर्चा की। संघ ने सांसद को ज्ञापन सौंपकर मांग की कि लंबे समय से कार्यरत शिक्षकों को टीईटी (Teacher Eligibility Test) अनिवार्यता से छूट दी जाए, क्योंकि यह अतिरिक्त शर्त उनके सेवा अधिकारों और पदोन्नति प्रक्रियाओं में अनावश्यक बाधा उत्पन्न कर रही है।
अध्यापक संघ का कहना है कि हजारों शिक्षक वर्षोँ से स्कूलों में बेहतर सेवाएँ दे रहे हैं और शिक्षण का व्यापक अनुभव रखते हैं। ऐसे शिक्षकों के लिए टीईटी जैसी अनिवार्यता बोझिल होने के साथ-साथ मनोबल कमजोर करने वाली है। प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि नई नीतियों के कारण कई शिक्षकों की सेवा नियमितीकरण, स्थानांतरण और पदोन्नति प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि पहले भी कई राज्यों में अनुभवी शिक्षकों को टीईटी से छूट दी गई है, इसलिए हरियाणा में भी ऐसा कदम उठाना न्यायसंगत होगा।
सांसद धर्मबीर सिंह ने अध्यापक संघ की चिंताओं को गंभीरता से सुना और आश्वासन दिया कि वह उनकी मांगों को उचित मंच पर उठाएँगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था की मजबूती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षण के लिए स्थिर व संतुष्ट शिक्षक आवश्यक हैं, इसलिए उनकी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता होनी चाहिए।
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि वर्तमान नीतियों के चलते कई शिक्षक मानसिक दबाव में हैं और बार-बार परीक्षा देने की बाध्यता से उनके कर्तव्य-पालन पर असर पड़ रहा है। संघ ने कहा कि टीईटी योग्यता नई भर्ती के लिए उचित है, परंतु पहले से कार्यरत शिक्षकों पर इसके कठोर नियम लागू करना व्यावहारिक नहीं है।
मुलाकात के दौरान सांसद ने सुझाव दिया कि संघ अपनी मांगों को विस्तृत दस्तावेज के साथ शिक्षा विभाग के समक्ष भी रखे, ताकि नीति स्तर पर आवश्यक संशोधन किए जा सकें। संघ ने उम्मीद जताई कि सरकार जल्द ही इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाएगी।
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