बचाव-प्रवर्तन दलों ने दौड़ लगाई
नारनौल के महेंद्रगढ़ रोड के पास मंगलवार दोपहर स्थानीय आपातकालीन नंबर पर उस समय हलचल मच गई जब एक अज्ञात कॉल में बताया गया कि किसी हेलीकॉप्टर के क्रैश की सूचना मिली है। सूचना मिलते ही पुलिस, फायर ब्रिगेड और स्थानीय प्रबंधन की टीमें तुरंत घटनास्थल के आस-पास पहुंच गईं और आसपास के खेतों व खुले इलाकों में तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया।
उत्सुक भीड़ और प्रशासनिक कर्मियों के बीच सर्च-ऑपरेशन करीब एक घंटे तक चला। टीमों ने सीसीटीवी फुटेज, आस-पास के गावों और मार्गों की निगरानी की तथा रडार से जुड़े किसी भी संकेत की तलाश की, लेकिन न तो किसी हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने का निशान मिला और न ही घटनास्थल पर कोई मलबा या तेल के दाग जैसी चीजें मिलीं। खोज निष्फल पाई गई। अधिकारियों ने कहा कि प्रारंभिक जांच में कॉल फर्जी लगती है और फिलहाल किसी वास्तविक हादसे की पुष्टि नहीं हुई है।
पुलिस ने सार्वजनिक सुरक्षा का हवाला देते हुए कहा कि इस तरह की सूचना पर अनर्गल अफरातफरी फैलने से बचने के लिए लोग घबराएँ नहीं, बल्कि प्रमाणित चैनलों से ही जानकारी साझा करें। अफवाह फैलाने वालों की पहचान के लिए कॉल-डिटेल्स और मोबाइल-टावर लॉग को खंगाला जा रहा है, ताकि यदि जानबूझकर फेक कॉल दिया गया हो तो उसके पीछे के आरोपियों का पता लगाया जा सके।
स्थानीय प्रशासकीय अधिकारियों ने नागरिकों से अपील की कि वे आपात-संख्या (Dial-112) का दुरुपयोग न करें और किसी भी असामान्य घटना की सूचना देने से पहले स्वयं उपलब्ध सुबूत (जैसे दृश्यमान मलबा, धुआँ, क्रैश की आवाज़) देखने का अनुरोध किया। पुलिस ने कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति इस मामले को लेकर प्रत्यक्षदर्शी हो तो वह तुरंत कार्यालय में संपर्क कर सकता है।
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