बेलर मशीन ना मिलने से धान की पराली का निपटान हो रहा मुश्किल, किसान परेशान

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किसान परेशान
किसान परेशान

सफीदों, (एस• के• मित्तल): सफीदों क्षेत्र में धान की कटाई का काम जोरों पर है। इस सीजन में धान की कटाई के लिए प्रवासी मजदूरों के बहुत कम संख्या में इस इलाके में पहुंचने के कारण कटाई के लिए मजदूर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में ज्यादातर किसान अपनी धान की कटाई के लिए कंबाइन हार्वेस्टर पर निर्भर हैं। धान तो कट रही है लेकिन उसकी पराली के निपटान को बेलर मशीन उपलब्ध नहीं हैं। उपमंडल कृषि अधिकारी डॉक्टर सुशील गुप्ता के अनुसार उपमंडल क्षेत्र में सरकार द्वारा अनुदान पर उपलब्ध कराए गए 14 बेलर मशीन इलाके में काम कर रहे हैं। इन मशीनों की संख्या कम होने के कारण कुछ दिक्कत किसानों को पेश आ रही है लेकिन पराली के निपटान की व्यवस्था जल्दी हो जाएगी और किसान रबी फसलों की बिजाई समय पर कर पाएंगे।

आज सफीदों व पिल्लूखेड़ा खंड के अनेक किसानों ने बताया कि उन्होंने धान की कटाई मजदूर न मिलने के कारण कंबाइन हार्वेस्टर से कराई है जिसकी कटाई किए भी सप्ताह भर का समय हो गया है। पराली जलाने की मनाही है और पराली के गट्ठे बनाने को बेलर मशीन के मालिक से बात करें तो वह कोई एक सप्ताह का तो कोई 10 दिन का समय दे रहा है। ऐसे में दिक्कत है क्योंकि गेहूं की बिजाई के लिए जमीन में जो नमी उपलब्ध है वह 10 दिन में काफी मात्रा में काम हो गई तो गेहूं का अंकुरण कम होगा जिससे उत्पादन प्रभावित होना लाजमी है। किसानों का कहना था कि प्रशासन कुछ अतिरिक्त बेलर मशीनों की व्यवस्था तत्काल प्रभाव से करें ताकि धान की पराली के निपटान में विलंब ना हो और गेहूं की फसलों की बजाई समय पर की जा सके।

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