दिल्ली-एनसीआर की तरह अब हरियाणा के कई शहर भी धुएं की चपेट में
चंडीगढ़।
हरियाणा में हवा की गुणवत्ता लगातार बिगड़ती जा रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की ताज़ा रिपोर्ट में रोहतक और धारूहेड़ा को देश के सबसे प्रदूषित शहरों में गिना गया है।
रोहतक का AQI 426 तक पहुंच गया, जो ‘गंभीर श्रेणी (Severe Category)’ में आता है। वहीं धारूहेड़ा का AQI 402 दर्ज किया गया।
दोनों शहरों में सुबह और शाम के समय घना धुआं और धुंध छाई रहती है, जिससे सांस लेने में तकलीफ़ की शिकायतें बढ़ गई हैं।
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि पराली जलाने, औद्योगिक प्रदूषण और वाहनों के धुएं ने हवा को बेहद जहरीला बना दिया है।
हिसार, फरीदाबाद और गुरुग्राम का एयर क्वालिटी इंडेक्स भी 350 के आसपास दर्ज किया गया है, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है।
रोहतक में दृश्यता 500 मीटर तक सिमट गई है।
स्कूल जाने वाले बच्चों और बुजुर्गों को सांस, खांसी और आंखों में जलन जैसी दिक्कतें हो रही हैं।
स्थानीय प्रशासन ने नागरिकों को सुबह की सैर और खुली हवा में व्यायाम से परहेज करने की सलाह दी है।
CPCB ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिए हैं कि
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निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण सख्ती से लागू किया जाए।
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खुले में कचरा या पत्तियां जलाने वालों पर जुर्माना लगे।
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औद्योगिक इकाइयों का उत्सर्जन रीयल-टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम से ट्रैक किया जाए।
पर्यावरणविद् डॉ. राकेश गर्ग का कहना है —
“रोहतक और धारूहेड़ा की हवा में PM2.5 और PM10 का स्तर मानक से 7 गुना ज्यादा है। यह स्थिति लंबे समय तक रही तो स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ेगा।”
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