मध्य प्रदेश के एक छोटे से कस्बे में पिछले 25 सालों से चल रही यह सेवा आज पूरे इलाके के लिए प्रेरणा बन चुकी है। यहां रोजाना सुबह-सुबह पक्षियों के लिए लंगर लगाया जाता है, जिसमें करीब 1 क्विंटल अनाज डाला जाता है।
स्थानीय समाजसेवकों ने इस परंपरा की शुरुआत इंसान और प्रकृति के बीच संतुलन बनाए रखने के उद्देश्य से की थी। अब यह पहल एक जनआंदोलन का रूप ले चुकी है, जहां लोग अपनी मर्जी से अनाज और दान देने आते हैं।
हर सुबह सैकड़ों कबूतर, गौरैया, तोते और अन्य पक्षी यहां एक साथ भोजन करते हैं। लोगों का कहना है कि यह नज़ारा मन को शांति और आनंद से भर देता है।
पर्यावरण प्रेमी भी इस पहल की तारीफ कर रहे हैं, उनका कहना है —
“ऐसे लंगर न केवल पक्षियों को भोजन देते हैं, बल्कि लोगों में संवेदना और प्रकृति के प्रति प्रेम भी जगाते हैं।”
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