समय पर प्राथमिक उपचार किसी की जिंदगी बचा सकता है : पुलिस अधीक्षक जींद

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जींद : पुलिस लाइन जींद में एक विशेष स्वास्थ्य एवं प्राथमिक उपचार जागरूकता कक्षा का आयोजन किया गया, जिसमें पुलिस कर्मियों को आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित सहायता प्रदान करने की तकनीकों का प्रशिक्षण दिया गया।
इस अवसर पर डॉ. गौरव लखिना ने पुलिस कर्मियों को प्राथमिक उपचार के वैज्ञानिक और व्यावहारिक तरीके सिखाए। उन्होंने सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन), डीआरएस एबीसी पद्धति और गोल्डन आवर के महत्व पर विस्तार से चर्चा की। डॉ. लखिना ने कहा, “संकट की घड़ी में शांत मन, सही निर्णय और त्वरित प्राथमिक उपचार किसी की जान बचाने में निर्णायक साबित हो सकता है।” उन्होंने वास्तविक उदाहरणों के माध्यम से बताया कि दुर्घटना स्थल पर अपनी और घायल व्यक्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए तुरंत सहायता कैसे प्रदान की जाए।
प्रशिक्षण के दौरान पुलिस कर्मियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, कई सवाल पूछे और सीखी गई तकनीकों का प्रायोगिक अभ्यास (हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग) भी किया। सभी ने माना कि इस तरह के प्रशिक्षण से आपात स्थितियों में पुलिस की कार्यक्षमता और दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि होती है।
कार्यक्रम में लाइन अफसर रामविलास, सीडीआई मनोज कुमार, सतीश कुमार, फार्मासिस्ट तरुण भारत, चरण सिंह सहित अन्य पुलिस कर्मियों ने भाग लिया और प्राथमिक उपचार की विस्तृत जानकारी हासिल की।
पुलिस अधीक्षक जींद ने कहा कि समय पर दी गई सहायता किसी की जिंदगी की डोर बन सकती है। इस तरह के प्रशिक्षण पुलिस बल को न केवल समाज की सुरक्षा, बल्कि आपातकाल में जीवन रक्षा के लिए भी सक्षम बनाते हैं।

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